मिर्जापुर।
ललित कलाओं के संरक्षण व सम्वर्धन हेतु आजीवन क्रियाशील रहे नटराज स्वरुप पं० महेश्वरपति त्रिपाठी ने १३ जनवरी २०१९ को स्थूल शरीर का त्याग कर इस मर्त्यलोक से प्रस्थान किया. कल उनकी तृतीय पुण्यतिथि पर उन्हीं के द्वारा स्थापित साधना ललित कला प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा एक संगीतांजलि समारोह विन्ध्याचल स्थित उनके निवास पर आयोजित किया गया.
संस्था के अध्यक्ष पं० ओमप्रकाश मिश्र ने माँ सरस्वती व पं० महेश्वरपति त्रिपाठी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर समारोह कर समारोह की शुरुआत की. शिष्य अमन सिंह ने गणेश वंदना व देवी स्तुति द्वारा अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. अद्भुत संगम हुआ जब पाश्चात्य वाद्य सिंथेसाइज़र पर विजय चंद्रा द्वारा मंगलाचरण पर तालमणि से विभूषित जनपद के रत्न पं० रघुनाथ मिश्र ने तबले पर एक लम्बे अन्तराल के बाद संगत किया. उल्लास की प्रतिमूर्ति पं० महावीर प्रसाद चटर्जी ने अपने स्वरों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की जिनके साथ तबले पर उनके सुपुत्र व पीएमसी अकादमी के निदेशक रुद्रेश रंजन चटर्जी ने अत्यंत कुशल संगत किया.
ज्ञानपुर से रामेश्वर भट्ट, चन्दौली से पधारे विख्यात गायक हरिशंकर तिवारी द्वारा भावपूर्ण प्रस्तुति की गई. रविशंकर शास्त्री व धर्मेन्द्र भट्ट ने अपनी सुमधुर गायन से वातावरण को भक्तिमय कर दिया. तबले पर रतन लाल व की बोर्ड पर रजत शर्मा द्वारा अति कुशल संगत किया गया. प्रिय शिष्य मनीष शर्मा द्वारा कत्थक नृत्य द्वारा गुरु के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की गयी, तबले पर रवि चंद्र द्विवेदी व हारमोनियम पर श्यामसुन्दर शुक्ल द्वारा संगत किया गया. सचिव विन्ध्यवासिनी प्रसाद केसरवानी द्वारा कार्यक्रम का सकुशल संचालन किया गया.
पं० महेश्वरपति त्रिपाठी के सुपुत्र व व्यवस्थापक दिनेश्वरपति त्रिपाठी ने उपस्थित समस्त कला साधकों, शिष्यों व श्रोतागणों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये आभार व्यक्त किया. समारोह का सीधा प्रसारण फेसबुक पर किया गया. समारोह में अगस्त द्विवेदी, राजन पाठक, शिवशक्ति पाण्डेय, कृष्ण चन्द्र गुप्त, पं० वेणी माधव, राजकपूर, जितेन्द्र भट्ट, रत्नेश भट्ट, गणेश अवस्थी, कृष्ण मोहन गोस्वामी, अभिनव त्रिपाठी, हार्दिक, चिराग, कार्तिकेय, सुन्दरम, पंकज द्विवेदी, कालीशंकर, मोहनदास स्वामी इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित रहे.