0 मंत्रीयों, विधायको तथा प्रशासनिक अधिकारियों की सामाजिक कार्यकर्ता ने मागा था विवरण
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने जिले के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शुक्ला की शिकायत पर प्रदेश के मंत्रीयों, विधायको तथा सभी प्रशासनिक अधिकारियों की चल -अचल सम्पत्ति का विवरण सम्बन्धी सूचना नही उपलब्ध कराने के मामले में सुनवायी प्रारम्भ कर दी है। श्री उस्मानी ने अपने पहली सुनवाई के फैसले में ही मुख्यमंत्री कार्यालय के जन सूचना अधिकारी को कड़ा आदेश दिया है कि दो सप्ताह में याची को उसके द्वारा चाही गयी सूचना दो सप्ताह में उपलब्ध करायें तथा आगामी 6 मार्च की सुनवायी तिथि पर आयोग के समक्ष अपनी आख्या प्रस्तुत करे।
ज्ञात हो कि योगी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि प्रदेश के सभी मंत्रीं, विधायक तथा प्रशासनिक अधिकारी अपनी चल -अचल सम्पत्ति का विवरण सम्बन्धी सूचना उपलब्ध कराये। मीडिया में इस आआशय की समाचार भी प्रकाशित हुई थी किन्तू बाद में सभी निर्देश ठंडे बस्ते में चला गया। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने से जुड़े इस मामले पर सरकार के ढुलमुल रवैये को देखकर सूचना का अधिकार अभियान, उत्तर प्रदेश से जुड़े प्रदीप शुक्ला ने मुख्यमंत्री कार्यालय में विगत वर्ष 13 अप्रैल को आर.टी.आई के तहत एक आवेदन प्रेषित कर मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई गयी सूचनाओं की छायाप्रति मॉगी। कोई जबाब नही मिलने पर दिनांक 14.08.2017 को इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग से की। राज्य सूचना आयोग ने शिकायत का संज्ञान लेकर दिनांक 20.12.2017 को मुख्यमंत्री कार्यालय को आयोग में तलब कर आदेश दिया है कि दो सप्ताह में याची को उसके द्वारा चाही गयी सूचना उपलब्ध करायें यदि किसी बिन्दु की सूचना दिया जाना सम्भव नही हो तो विधिक कारण बताये । इसके साथ जन सूचना अधिकारी को निर्देशित किया है कि आगामी 6 मार्च की सुनवायी तिथि पर आयोग के समक्ष अपनी आख्या प्रस्तुत करे। इधर मुख्यमंत्री कार्यालय से अब तक शिकायतकर्ता को कोई सन्तोषजन जबाब नही दिया जा सका है।