मिर्जापुर।
जिगना थाना क्षेत्र के पाली अंडरपास मे बीते 15/16 जनवरी की रात को नकली बम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रखकर दहशत फैलाकर रेलवे को करोड़ों का चपत लगाने वाले सिरफिरे बदमाशों को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सोहागी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इस दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सेंट्रो कार भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश मे डेढ़ दर्जन रेलवे पुलों के नीचे नकली बम फिट कर ने वाले प्रयागराज जिले के मेजा थाना क्षेत्र के बसुंदर गांव निवासी प्रकाश सिंह सोमवंशी पुत्र ब्रह्मा सिंह तथा इसी गांव के राम तीरथ पुत्र राम हौंसला नामक युवकों से एन आई ए तथा अन्य जांच एजेंसियां पूछताछ मे लगी हुई हैं। सूचना पर जिगना थाना प्रभारी विजय कुमार सरोज भी पूंछताछ के लिए शुक्रवार को सोहागी थाने पहुंचे। थाना प्रभारी ने बताया कि पाली अंडरपास मे नकली बम रखने वाले करीब दस बजे रात यहां पहुंचे थे। तब हाईप्रोफाइल मामले मे इलकाई पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए दोनों युवकों को रिमांड पर लेने का प्रयास किया जा रहा है। पब्लिक मे दहशतगर्दी फैलाने तथा रेलवे ट्रैक पर यातायात ठप कर भारी चपत लगाने वाले गेम का मास्टर माइंड प्रकाश सोमवंशी ने बीटेक की डिग्री ली है। जबकि इस गैंग मे सम्मिलित देवेश उर्फ दीपक दूबे पुत्र ओंकारनाथ मेरठ जिले के गंगानगर थाने के एफ पी कालोनी का रहने वाला है। पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ के बाद उसे भी दबोच लिया गया है। पाली अंडरपास के पहले मेजा करछना नैनी मेरठ मऊगंज मध्य प्रदेश के मनिगवां सोहागी सहित डेढ़ दर्जन रेलवे पुलों के नीचे नकली बम रखना कबूल किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसके पीछे राष्ट्र विरोधी ताकतों का हाथ हो सकता है। पकड़े गए युवकों को नियमित अंतराल पर मोटी रकम मुहैया कराए जाने का खुलासा हुआ है। पुलिस के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसियां गहन जांच पड़ताल मे लगी हुई हैं। वे किसके इशारे पर आम जनता मे दहशत फैलाने तथा रेलवे को आर्थिक चोट पहुंचाने मे संलिप्त थे सहित तमाम अनुत्तरित सवालों का जवाब अभी भी अबूझ पहेली बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि पाली अंडरपास मे बम मिलने की खबर जंगल मे आग की तरह फैलने के बाद प्रयागराज जिले के मुख्यालय से बम निरोधक दस्ते के खुलासे के बाद आम जनमानस एवं प्रशासन ने राहत की सांस ली थी।