धर्म संस्कृति

श्रीमद्भागवत महापुराण कर्त्तव्यों का कराता है बोध: कथावाचक पंडित आनंद पांडेय

ड्रमंडगंज /हलिया (मीरजापुर)।
क्षेत्र के बबुरा कलां गांव स्थित अलोमती मनकामेश्वरी धाम में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को कथावाचक पंडित आनंद पांडेय ने जरासंध वध व श्रीकृष्ण रूक्मिणी विवाह की कथा का अमृतपान श्रद्धालुओं को कराया। कथावाचक पंडित आनंद पांडेय ने कहा कि संकट के समय भगवान को याद करने पर भगवान भक्तों की रक्षा के लिए दौड़ पड़ते हैं। जिस किसी भी भक्त ने संकट के समय भगवान को श्रद्धापूर्वक याद किया उसपर भगवान ने अपनी कृपा दृष्टि बरसाई।

भगवान श्रीकृष्ण ने मायावी राक्षस जरासंध का वध भीम द्वारा करवाया और अत्याचारी जरासंध के आतंक से लोगों को मुक्त कराया। कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को कर्त्तव्य पथ का बोध होता है और अज्ञानरुपी अंधकार नष्ट होकर ज्ञानरूपी प्रकाश की प्राप्ति होती है ।समाज में व्याप्त अज्ञानता को दूर करने के लिए भागवत कथा का श्रवण आवश्यक है।

भागवत कथा हमें अज्ञानता और कुरीतियों से दूर रहने के लिए प्रेरित करती है। कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ रूक्मिणी, सत्यभामा, जामवंती के विवाह की कथा का वर्णन किया। कथावाचक ने भागवत कथा का श्रवण करने के लिए उपस्थित ग्रामीणों से श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण, मनन, अध्ययन करने के लिए कहा जिससे समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर कर परिवर्तन लाया जा सके और मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध कर सके।

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कथा आयोजनकर्ता आशुतोष केसरवानी एवं विंध्यवासिनी केसरवानी ने कथा श्रवण करने आए ग्रामीणों के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान कथा के मुख्य श्रोता श्याम लाल केसरवानी,गेंदा देवी, ठाकुर प्रसाद दुबे, शिव चरण त्रिपाठी, हरिशंकर मिश्र, शंकर सिंह,विजय बहादुर सिंह,नर्वदा प्रसाद मिश्र, मोती लाल मिश्र, आचार्य लक्ष्मण दुबे, पूर्व प्रधान श्याम बहादुर सिंह,गीता सिंह,कृष्ण पाल मिश्र,ग्राम प्रधान पुष्पेन्द्र सिंह मून्नू, सत्येन्द्र सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह,मेघनंद चौरसिया,राकेश केसरवानी,लाल जी केसरवानी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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