ज्ञान-विज्ञान

अलौकिक चमत्कारो की व्याख्या एवम अंध विश्वास के विरुद्ध वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

मिर्जापुर। 
विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब द्वारा अलौकिक चमत्कारो की व्याख्या एवम अंध विश्वास के विरुद्ध वैज्ञानिक जागरूकता कर्यक्रम का आयोजन जनता जनार्दन इण्टर कॉलेज भुड़कुड़ा चुनार में किया गया। विभिन्न विद्यालयों के 745 बच्चों एवम अध्यापको ने प्रतिभगिता की। कार्यक्रम में प्रयोगिक प्रदर्शन के साथ विज्ञान सम्भाषड प्रतियोगिता जिसका शीर्षक अंध विस्वास समाज के लिए अभिशाप है, निबंध प्रतियोगिता का शीर्षक अंध विश्वास को समाज से विज्ञान द्वारा ही दूर कर सकते है, पोस्टर प्रतियोगिता का विषय समाज मे अंध विश्वास के प्रकार तथा संचार पत्र पत्रिकाओं की कतरन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इन प्रतियोगिताओं में 154 छात्र एवम छात्राओं ने प्रतिभगिता की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन वैज्ञानिक विधि से जल से दिप प्रज्वलित कराकर विशेषज्ञ प्रमोद कुमार मिश्र ने कराया।विद्यालय की प्रधानाचार्या शांति देवी बैस, विशेषज्ञ प्रमोद मिश्र, डॉक्टर जे पी रॉय वैज्ञानिक ,डॉक्टर यस के गोयल,सेवानिवृत राष्ट्र पति पुरस्कार से सम्मनित प्रधानाचार्य भागवत प्रसाद, सत्य नारायण प्रसाद ने अपने अपने विचार रखे। जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने विज्ञान ही एक ऐसा विषय है, जो समाज मे उत्पन्न अंध विश्वास एवम चमत्कार का पर्दा फाश कर देता है, आज समाज मे अंध विश्वास के कारण ही प्रतिदिन लोगो की मौते हो रही है, साथ ही ढोंगी बाबा लोग लोगो को चुना लगा रहे है। अंध विश्वास ने समाज मे बहुत गहरी पैठ बना ली है, जिला विज्ञान क्लब द्वारा इस तरह के कार्यक्रम गावो में आयोजित कर लोगो को सच तो कुछ और है के लिए आगाह किया जा रहा है इन कार्यक्रमो के माध्यम से नई संचेतना विकसित होगी।
आज विज्ञान के युग मे भी पढ़े लिखे लोग भी बिल्ली का रास्ता काटना, नजर झड़वाने। टोना टोटका। बुखार आने पर नजर झाड़वाने जैसे अंध विस्वास के चक्कर मे अपनी जान गवा देते है। अंध विश्वास एक सामाजिक बीमारी है,इसे वैज्ञानिक संचेतना पैदा करके ही दूर किया जा सकता है।
   विशेषज्ञ प्रमोद कुमार मिश्र नेविज्ञान केमौलिक सिद्धान्तों पर आधारित कुछ चमत्कार के प्रयोग कर में दिखाए तथा उनके पीछे के वैज्ञानिक तथ्य बताए। पहला प्रयोग आग खाना का दिखाया, जिसमे अपने जीभ पर कपूर को जलकर मुह में काफी देर तक रखा,इसके पीछे उन्होंने वैज्ञानिक तथ्य बताए कि अग्नि की लौ सदैव ऊपर की ओर निकलती है।
मनुष्य की त्वचा कपूर की आग का ताप एक स्थान पर 3 सेकंड तक सहन कर सकती है। कपूर के टुकड़ों को मुह में रख ने के पस्चात जब बंद करते है तो ऑक्सीजन न मिलने के तथा मुह में उपस्थित लार के कारण आग बुझ जाती है। दूसरा प्रयोग उन्होंने अग्नि स्नान कर दिखाया इसके वैज्ञानिक तथ्य ये है कि हमारे शरीर की त्वचा 3 सेकंड तक 1200 डिग्री सेल्सियस तक का ताप सहन करती है।
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इससे अधिक समय तक यदि आग को त्वचा के सम्पर्क में रखा जाता है तोत्वचा उसके प्रभाव से जल सकती है। तीसरा प्रयोग त्वचा पर वजन लटकाने का दिखाया जिसके पीछे तथ्य है कि हमारे शरीर की त्वचा में तीन परत है। त्वचा की पहली परत से 500 ग्राम,दूसरी परत से 35 किग्रा और तीसरी परत से 75 किग्रा तक का भार उठा या जा सकता है। चौथा प्रयोग सिर पर चाय बनाना के पीछे वैज्ञानिक तथ्य बताया कितौलिया एवम आटा गिला होंने के कारण सर पर जलते हुए छल्ले की ऊष्मा हमारे सिर पर नही पहुचने देता है। पाचवा प्रयोग कर दिखाया कि खौलते तेल में हाथ डालने के चमत्कार को बताया कि नीबू का रस भारी होने के कारण कढ़ाई में बैठ जाता है तथा उसके ऊपर तेल तैरता रहता है।गर्म करने पर रस पहले खौलता है और भाप के कारण तेल में बल बुले उठने लगते हैजिससे ऐसा लगता है कितेल खौल रहा है।
इसी प्रकार बन्द आखों सेसमचार पढना, शरीर पर वजन लेना,उंगलियों पर वजन उठाना, चाकू से लौटा उठाना,कैची से कांच काटना,आत्मिक शक्ति से केला छिलना जैसे प्रयोगों को करके उनके पीछे के विज्ञान के सिद्धांतों को समझाया।          रासायनिक प्रक्रियाओं पर आधारित प्रयोगों को  में मन्त्र शक्ति द्वारा अग्नि प्रज्ज्वलित करना केपीछे वैज्ञानिक तथ्य को बताया कि पोटैशियम परमैगनेट एवम ग्लिसरॉल की रासायनिक क्रिया  उष्मा उतपन्न करती है, जिससे आग प्रज्ववलित होती है। इसी प्रकार भूत की अंत्येष्टि, नारियल में भूत, मंत्र शक्ति से भभूति उतपन्न करना, देवी के हाथों का निशान, शरीर पर नाम अंकित करना, हल्दी से सिंदूर बनाना, बिना आग के चावल पकाना, जलाने पर कपड़े का न जलना, मिर्च खाना, पानी मे आग, कागज पर बिना स्याही कलम के लिखना जैसे चमत्कार के पीछे वैज्ञानिक तथ्य समझाए।
प्रमोद मिश्र नेधूल से हल्दी बनानपनी गायब करना, कपड़े का रंग बदलना, मन मे सोची संख्या बताना, खाली थैली से चमत्कारी प्रसाद निकलना, मंत्र से केला काटना, हृदय गति रोकना, नब्ज रोकना,समाधि लेना,जमीन से मूर्ति प्रकट होना, मूर्ति का दूध पीना के पीछे सिद्धान्तों कोसमझाया।
                    डॉक्टर जे पी रॉय वैज्ञानिक ने कहा कि अंध विश्वास को केवल विज्ञान के माध्यम से दूर किया जा सकता है। कृषि में भी पहले के अंध विश्वासों को विज्ञान ने दूर किया, किसान अब बहुत जागरूक हो गया एवम वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर अच्छी पैदावार पा रहा है एवम जैविक विधि से खेती करने का प्रयास कर रहाहै।                                     प्रधानचार्य शांति देवी बैस ने विज्ञान ने लगातार तकनीकी के माध्यम से समाज मे बढ़ते अंध विश्वासों को दूर कर सकते है,इस कार्य मे जिला विज्ञान क्लब के प्रयास समाज के लिए सार्थक साबित होगा। विज्ञान सम्भाषड प्रतियोगिता एवम निबन्ध प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉक्टर जे पी रॉय, सत्यनारायण प्रसाद ने किया, पोस्टर एवम समाचार पुरस्कार प्रतियोगिता का मूल्यांकन शिव राम शर्मा,संजय श्रीवास्तव ने किया।
    विज्ञान सम्भाषड प्रतियोगिता में स्नेहा सिंह प्रथम, सत्यम कुमार द्वितीय, इशिता सिंह तृतीय, रिया सिंह चतुर्थ, आकृति सिंह को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। निबंध प्रतियोगिता में संजना मौर्य प्रथम, अन्नू शर्मा द्वितीय, हर्षिता कुमारी तृतीय, काजल कुमारी एवम गुड़िया कुमारी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
                पोस्टर प्रतियोगिता में सुनिधि सिंह प्रथम, प्रगति सिंह द्वितीय, सोनाली मौर्य तृतीय, अंशिका कुमारी एवम अदिति कुमारी को सांत्वना पुरस्कार एवम प्रज्ञा कुमारी को समाचार पत्र पत्रिकाओं की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया।
  कार्यक्रम में प्रतिभागियों को स्कूल बैग, वाटर बोटल, टिफिन, जोमेरटी बॉक्स, विज्ञान पुस्तके, पेन प्रदान किये गए। इस कार्यक्रम में संजय श्रीवास्तव ने संचालन किया। सूर्य प्रकाश सिंह, बसन्त भूषण सिंह, आर्यन प्रसाद, प्रिंस कुमार, शशि कांत विश्वकर्मा, अंतेश कुमार सिंह, करुणा कुमारी ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम के अंत मे प्रधानचार्य शांति बैश ने सभी का आभार प्रकट किया।
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