राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन, उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संगठन आदि संगठनों के नेतृत्व में सोमवार को सायं 4 से 5 बजे तक 1 घंटे का विरोध प्रदर्शन कर कर्मियों ने ऊर्जा निगम के शीर्ष प्रबंधन पर उत्पीड़नात्मक एवं तानाशाही रवैया का आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा किउप्र ऊजार् निगमों में प्रबन्धन द्वारा तानाशाहीपूणर् ढंग से अन्याय व उत्पीड़न किये जाने से व्याप्त भय के वातावरण में सभी अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता तथा उनके परिवार अत्यधिक मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इस भयपूण वातावरण में अभियन्ताओं व अवर अभियन्ताओं के लिए सुचारू रूप से कायर् कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। समस्याओं का समाधान न होने व उत्पीड़न तथा भय के वातावरण के रहते, दिनांक 15 मार्च 2022 से चल रहे सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं प्रबन्धन के साथ पूण असहयोग के क्रम में, आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल 2022 को सभी ऊजार् निगमों के समस्त अभियन्ता व अवर अभियन्ता सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे।
उप्र ऊजार् निगमों में शीषर् स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रबन्धन द्वारा न्यूनतम आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध न कराये जाने, निगमों में नकारात्मक एवं भययुक्त वातावरण स्थापित किये जाने के विरोध में ऊजार् निगमों के जूनियर इंजीनियसर् एवं अभियन्ताओं द्वारा चलाये जा रहा शान्तिपूणर् ध्यानाकषर्ण सविनय अवज्ञा/असहयोग आन्दोलन 8 वे दिन भी समस्त परियोजनाओं एवं जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध सभायें आयोजित की गयी जिसमें भारी संख्या में जूनियर इंजीनियसर् एवं अभियन्ताओं ने शामिल होकर प्रबन्धन के प्रति अपना रोष प्रकट किया।
संगठन के पदाधिकारियों वी0पी0 सिंह, जी0बी0 पटेल, प्रभात सिंह, जय प्रकाश ने कहा कि उ0प्र0 के ऊजार् निगमों के प्रबन्धन द्वारा ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। ईआरपी प्रणाली पर अरबों रूपये खचर् करने के बाद भी विभागीय कायर्प्रणाली अनुरूप नहीं है, ना ही इसका समुचित प्रशिक्षण दिया गया है और न ही इसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन पावर दी गयी है इसके बावजूद निजी कम्पनी द्वारा दिये गये सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही दबाव डालकर अभियन्ताओं को कायर् करने हेतु बाध्य किया जा रहा है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शीषर् प्रबन्धन की है।
उन्होंने आगे कहा कि ऊजार् निगमों में विद्युत उत्पादन एवं विद्युत आपूतिर् के लिए आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में ऊजार् निगम प्रबन्धन पूणर् रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए प्रबन्धन द्वारा तरह-तरह के बेनियम आदेश जारी कर अभियन्ताओं को उलझाये रखा जा रहा है।
संसाधनों की मांग करने वालों पर दण्डात्मक कायर्वाही की जा रही है। इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूणर् कर पाने में बिजली कमर्चारियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊजार् निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कायर् प्रणाली स्थापित हो रही है। ऊजार् निगमों में शीषर् प्रबन्धन की इस प्रकार की कायर् प्रणाली से समस्त बिजली कमिर्यों का मनोबल गिरा हुआ है। यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊजार् निगमों के हित में है। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के क्षेत्रीय सचिव इंजीनियर राम सिंह ने कहा कहां की ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष व शीर्ष प्रबंधन के तानाशाही रवैया एवं शीर्ष स्तर पर व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार के विरोध में अभियंता व अवर अभियंता 4, 5, 6 अप्रैल को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
सविनय अवज्ञा असहयोग आंदोलन का आज आठवां दिन रहा, जिसमें सभी परियोजनाओं एवं जनपद मुख्यालयों पर विरोध सभाएं की गई। संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेन्स नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले अरबों रूपये के इस घोटाले एवं ऊजार् निगमों में शीषर् स्तर पर व्याप्त कु्रप्रबन्धन के लिए दोषियों के विरूद्ध कठोर कायर्वाही की जाये।
मिर्जापुर क्षेत्र मुख्यालय पर हुई विरोध सभा में इंजीनियर सुमित यादव, इंजीनियर सूरज शाह, इंजीनियर अभय सिंह, इंजीनियर राम सिंह, इंजीनियर विनोद कुमार, इंजीनियर विनय बिंद, इंजीनियर विनय, इंजीनियर शंभूनाथ, इंजीनियर विजय सिंह, इंजीनियर आशीष कुमार, इंजीनियर एके सिंह, इंजीनियर दिवेश सविता, इंजीनियर सी के मेहता, इंजीनियर दिलीप कुमार, इंजीनियर ध्यान चंद वर्मा समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।