स्वास्थ्य

पेरीटोनियल डायलिसिस द्वारा किडनी को बचाने का अथक प्रयास

मिर्जापुर।
पालकप्य पशु चिकित्सालय संकुल, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा मे ग्रेटडेन नस्ल का एक सात साल का काले रंग का 45 किलों, मादा डॉग का पंजीकरण किया गया, जो छः दिन से बाहर इलाज कराने के बाद भी कोई सुधार नही हुआ। खून परीक्षण कराने के पश्चात अधिक संक्रमण होने की जानकारी प्राप्त हुई त्तपश्चात अल्ट्रासाउण्ड कराने के बाद डॉ. दयानिधी जेना ने बताया की उसको पायोमेट्रा है।
चूकि स्थिति खराब होने के कारण इसकी आक्समिक सर्जरी करनी पड़ी और 1.5 (डेढ़) किलों पुज (पश) से भरा युटेरस को निकाला गया। पुनः दुबारा जाँच कराने के बाद पता चला उसका कृयेटीनी बहुत ज्यादा था। इस मरीज को पेरीटोनियल डायलिसिस के लिए तैयार किया गया। डायलिसिस करने के बाद मरीज में सुधार देखने को मिला। यह प्रक्रिया पालकप्य पशु चिकित्सालय संकुल, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा मे पहली बार पशु में की गई।
संकाय प्रमुख डॉ. शाहिद परवेज, फ़ैकल्टि ऑफ वेटेरिनरी एंड एनिमल साइनसेस एवं आचार्य प्रभारी प्रो. विनोद कुमार मि़श्र, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, बरकछा  ने डायलिसिस करने वाली पूरे टीम को बधाई दी। इस प्रक्रिया को सफल बनाने में डॉ. विनोद कुमार, डॉ. क्रुती देवनाथ मण्डल और डॉ. नीरज ठाकुर, सहायक प्राध्यापक, पालकप्य पशु चिकित्सालय संकुल, फ़ैकल्टि ऑफ वेटेरिनरी एंड एनिमल साइनसेस, राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रिकल्चरल साइनसेस, बरकाछा, मीरजापुर के सहयोग से पूरा किया गया।
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