मिर्जापुर।
बौद्धिक संपदा संरक्षण दिवस 26 अप्रैल के अवसर पर जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर द्वारा बौद्धिक संपदा संरक्षण एवम युवा नवप्रवर्तक देश के भविष्य पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमे 79 बाल नवप्रवर्तक एवम जुगाड़ू वैज्ञानिक, विज्ञान संचारक ने प्रतिभगिता की। कार्यशाला में बौद्धिक संपदा संरक्षण क्या, युवावों की भूमिका, पेटेंट क्या और कैसे कराए पर विषय विशेषग्यो ने जानकारी दी।
जिला विज्ञान क्लब सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि यह दिवस प्रत्येक वर्ष मुख्य थीम पर आधारित होता है, इस वर्ष की थीम बौद्धिक संपदा और युवा बेहतर भविष्य के लिए नवाचार करना है। इस दिवस का उद्देश्य ज्ञान का सम्मान करने, विज्ञान की वकालत करने और दुनिया भर में बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करने हेतु जागरूकता को बढ़ावा देने औरक कानूनी वातावरण बनाना जो नवाचार को प्रोतसाहित करता है। इसका उद्देश्य रोजमर्या के जीवन पर पेटेंट, कॉपी राइट, ट्रेडमार्क के प्रभाव के बारे में जानकारी देना है।
आईआईटी नई दिल्ली के विशेषज्ञ अमित कुमार ने कहा कि बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में युवा विशेष रूप से महत्वपूर्ण योगदान देते है। आज के युवा डिजिटल नागरिक है। ये मोबाइल, इंटरनेट और फोन के युग मे बड़े हुए है। इसलिए अब तक कि उद्यमिता भावना सबसे ज्यादा अभिनव और सबसे अधिक रचनतनात्मकता शक्ति की पीढ़ी है। यह दिवस युवाओं को एक अवसर प्रदान करता है। युवा भविष्य के अन्वेषक, निर्माता और उद्यमी है। ये बुद्धि का उपयोग कर मानव जीवन को सरल बना सकते है।
पेटेंट विशेषज्ञ जीयस प्रसाद ने बताया कि किसी भी इनोवेटर को अपने नवप्रवर्तन को तुरन्त ही पेटेंट के लिए आवेदन कर लेना चाहिए। किसी भी नवप्रवर्तक का पेटेंट पंजीकरण के बाद व्यक्ति या फार्म द्वारा किये गए आविष्कार के लियेबौधिक सम्पदा प्राप्त हो जाता है। यदि यह अद्वितीय है तो सरकार आपको आपके उत्पाद के लियेपूर्ण अधिकार प्रदान करेगी। यह आपका उत्पाद प्रक्रिया को बनाने, उपयोग करने बेचने आयात करने का अधिकार देता है।
डॉक्टर पी सी सक्सेसना ने कहाकि एक पेटेंट का जीवन काल 20 वर्ष है।यह कुछ दुर्लभ मामले में कुछ वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।पेटेंट कई चीजों के लिए हो सकता है। यह प्रक्रिया कला, निर्माण विधि, विशेष उपकरण, मशीन, कॉम्प्यूटर सॉफ्ट वेयर, तकनीकी अनुप्रयोग, रसायन आदि है। कार्यशाला में विभिन्न विशेषग्यो ने बाल वैज्ञनिकों की ओर से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर उनके जिज्ञासा को शांत किया।