0 गौ आश्रय स्थलो में नियुक्त गौ पालको को प्रत्येक माह समय से मानदेय का किया जाय भुगतान -जिलाधिकारी
0 पानी और हरे चारे की करे समुचित व्यवस्था
मीरजापुर।
जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गोवंश आश्रय स्थलो की स्थापना व संचालन हेतु जिला स्तरीय अनुश्रवण व मूल्यांकन समिति की बैठक आहूत की गयी। बैठक में अनुश्रवण एवं मूल्याकंन समिति के सदस्य के रूप नामित अधिकारियो में से 15 अधिकारियो के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि अनुपस्थित सदस्यो/अधिकारियो के अनुपस्थित रहने के कारण एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही विभागीय कार्यवाही के लिये पत्राचार करें।
बैठक में अनुपस्थित अधिकारियो में प्रभागीय वनाधिकारी, चारो तहसीलो के उपजिलाधिकारी, अधिकारी अधिकारी नगर पालिका मीरजापुर, कछवा, चुनार, नगर पंचायत अहरौरा, अधिशाषी अभियन्ता सिचाई, लघु सिचाई, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला प्रबन्धक नाबार्ड, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, पी0डी0डी0आर0डी0ए0 अनुपस्थित रहें। जिला कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी के अनुपस्थिति के बारे में बताया गया कि यह दोनो अधिकारी लखनऊ 02 दिवसीय प्रशिक्षण में गये हैं।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि गौ संरक्षण स्थलो पर नियुक्त गो-पालको की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुये उनके मानदेय का भुगतान प्रत्येक माह समय से किया जाय। उन्होने कहा कि गो संरक्षण स्थलो में निगरानी एवं इलाज के लिये प्रत्येक गो-आश्रय स्थल पर एक-एक पशु चिकित्सक को प्रभारी बनाया जाय वे प्रतिदिन गौशाला स्थलो पर जाकर निगरानी करे तथा बीमार पशुओ को अलग रखकर समुचित इलाज सुनिश्चित कराये। उन्होने कहा कि प्रत्येक गौशाले में एक रजिस्टर रखा जाय गौशाले में उपलब्ध पशुओ की संख्या दर्ज की जाय।
उसी के अनुसार जिला स्तर पर रिपोर्ट भी किया जाय। ओवर रिपोर्टिग पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि पशुओ के लिये छाया, भूषा तथा हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित कराये। भूषा व हरे के लिये क्षेत्र के गणमान्य लोगो से दान/सहयोग करने के लिये अपील की जाय। उन्होने कहा कि सहभागिता योजना की जानकारी पशु चिकित्सालय में आने वाले पशु पालको को दी जाय ताकि वे उसका लाभ उठा सके। गर्मी के दृष्टिगत गो आश्रय स्थलो में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध रहे। उन्होने कहा कि पशुओ की सुरक्षा के दृष्टिगत कांटे की तार के स्थान पर अनयूज्ड पाइपो से बैरीकेटिंग की जाय।
जिलाधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियो, नगर पालिकाओ के अधिशाषी अधिकारी को निर्देशित किया कि गौशालाओ के लिये पूर्व में प्राप्त धनराशि की उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराते हुये आगे के लिये मांग तत्काल भेज दे। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा जनपद में संचालित अस्थायी/स्थायी गोवंश आश्रय स्थलो की अद्यतन स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में 100 दिवसीय निराश्रित गौवंश संरक्षण अभियान के लक्ष्य को समय से पूरा कर किया जाय।
बैठक में नवीन गो आश्रय स्थल खोलने, गो आश्रय स्थल को स्वालम्बी बनाने आदि बिन्दुओ पर विस्तृत चर्चा की गयी। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ ओम प्रकाश, तहसीलदार मड़िहान श्रीमती नूपुर सिंह, खण्ड विकास नरायनपुर के अलावा अन्य खण्ड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहें।