0 बाल विवाह समाज पर एक अभिशाप, इसे रोकने चलाया जाय जागरूकता अभियान
0 लड़की और लड़के दोनो के लिये शिक्षा पहली प्राथमिकता, न कि शादी -अपर जिलाधिकारी
मीरजापुर। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के निदेर्श के क्रम में जनपद में बाल विवाह के रोकथाम तथा समाज में पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के प्रति लोगो में जागरूकता व निगरानी करने के दृष्टिगत आज अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आहूत की गयी। बैठक में पुलिस अधीक्षक नगर संजय वमार् भी उपस्थित रहें।
बैठक मे अपर जिलाधिकारी ने महिला कल्याण विभाग तथा बाल श्रम से सम्बन्धित अधिकारियो को निदेर्शित करते हुये कहा कि शासन के निदेर्श के अनुपालन में 03 मई 2022 को अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले सम्भावित बाल विवाहो पर निगरानी बनाये रखने तथा उन्हे रोकने हेतु रणनीति तैयार करते हुये आवश्यक कायर्वाही की जाय। उन्होने कहा कि बाल विवाहो की पहचान करने के लिये सभी पुलिस थानो व सम्बन्धित बाल कल्याण विभाग, पुलिस अधिकारियो के साथ समन्वय स्थापित करते हुये जिला प्रोबेशन अधिकारी को रिपोटर् करेगें।
उन्होने कहा कि बाल विवाह हमारे समाज पर अभिशाप है इसको रोकने के लिये शासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे है तथा लोगो में जागरूकता लाने के भी निदेर्श दिये गये हैं। उन्होने कहा कि कम उम्र की दुल्हन के लिये स्वास्थ्य एवं शिक्षा सम्बन्धी अनेक समस्याए उत्पन्न होती है उन्होने कहा कि लड़की और लड़के दोनो के लिये शिक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए न कि शादी ताकि लड़की और लड़का कमाने वाले सदस्य बन सके और अपना सुखमय जीवन यापन व्यतीत कर सके।
उन्होने कहा कि लड़कियो की उम्र 18 वषर् तथा लड़के की 21 वषर् से पहले शादी कानून अपराध है। यदि ऐसा कही पाया जाता है तो बाल विवाह किया जा रहा है तो दोनो परिवारो के जिम्मेदार व्यक्तियो को 02 वषर् की सजा और एक लाख जुमार्ना करने का प्रावधान है। जो व्यक्ति इस तरह के विवाह में शामिल हो या शादी के बारे में जानकारी है लेकिन पुलिस को रिपोटर् नही करते है उनके विरूद्ध भी एफ0आई0 दजर् करते हुये 02 वषर् की सजा और एक लाख जुमार्ना लगाये जाने का प्रावधान हैं।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि महिला कल्याण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतो के सभी ग्राम प्रधानो से भी समन्वय स्थावित करते हुये ऐसे परिवारो की पहचान कर 03 मई 2022 को विवाह समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रहे है। उनकी जाॅच कर यह सुनिश्चित कराये कि कोई दूल्हा या दुल्हन बच्चे नाबालिंग नही है। बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती शक्ति त्रिपाठी द्वारा बाल विवाह रोकने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी।