मिर्जापुर।
विगत कुछ महीनों से देखने मे आया है कि थाना प्रभारी/क्षेत्राधिकारी/वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। क्षेत्राधिकारी स्तर पर जब तक कानून-व्यवस्था भंग न हो अथवा अभियोग पंजीकृत न हो, तब तक मौके पर नहीं जा रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर थाना हलिया जनपद मीरजापुर में महिला की मृत्यु होने पर प्रभारी निरीक्षक मौके पर नहीं पहुँचे और क्षेत्राधिकारी 03 दिवस बाद मौके पर पहुँचे। बाद में सन्दर्भित प्रकरण में गम्भीर धाराओं में अभियोग दर्ज हुई तथा अभियुक्त के विरूद्ध कार्यवाही भी हुई। कोतवाली शहर जनपद मीरजापुर में 10 बजे रात्रि में एक घटना के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होने पर भी क्षेत्राधिकारी मौके पर इसलिये नहीं गये क्योंकि थाना प्रभारी ने उन्हें समझाया कि कानून व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है और वादी अभियोग पंजीकृत नहीं कराना चाहता। बाद में मेरे कार्यालय द्वारा कहने पर मौके पर गये एवं दो दिन बाद प्रकरण के सम्बन्ध में धारा 304बी भादवि में अभियोग भी पंजीकृत हुआ।
दोनों प्रकरणों में सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी को चेतावनी दी गयी है। विभिन्न अर्दली रूम में भी यह पाया गया है कि क्षेत्राधिकारी 304ए,304 भादवि इत्यादि घटनाओं पर मौके पर नहीं जा रहे हैं।
मातहतो को निर्देश दिया कि अप्राकृतिक मृत्यु के प्रकरणों में थाना प्रभारी एवं क्षेत्राधिकारी अनिवार्य रूप से मौके पर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। चाहे कानून व्यवस्था भंग हो या न हो, चाहे दुर्घटना का मामला हो या अन्य मामला हो, वादी अप्लीकेशन देना चाह रहा हो अथवा नहीं, अभियोग पंजीकृत हो या न हो, मृत्यु डूबने से हुई हो या किसी अन्य प्रकार से हुई हो, सभी में अगर अप्राकृतिक मृत्यु हुई है तो क्षेत्राधिकारी/थाना प्रभारी मौके पर अवश्य जायेंगे।
गम्भीर प्रकरणों/महिला/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किये जाने के सम्बन्ध में मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, लखनऊ द्वारा पूर्व में डीजी परिपत्र संख्या-09/2015 दिनांकः 06-02-2015 में विस्तृत निर्देश दिये गये हैं, जिसका पूर्ण रूप से पालन किया जाय।
पुलिस उपमहानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक उपरोक्त प्रकार के मामलों में प्रातःवार्ता/ब्रीफिंग के समय किसके द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है, ब्रीफ करेंगे।