क्राइम कंट्रोल

डीआईजी ने परिक्षेत्र के जनपदों के अभिसूचना इकाईओं की समीक्षा कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश

0 डीआईजी मिर्जापुर द्वारा जनपदीय अभिसूचना इकाईयों की समीक्षा की गई
मिर्जापुर।
    पुलिस उपमहानिरीक्षक विंध्याचल परिक्षेत्र मिर्जापुर रामकृष्ण भारद्वाज द्वारा परिक्षेत्र के तीनों जनपदों के जनपदीय अभिसूचना इकाईओं की समीक्षा की गई।  सुरक्षा को प्रभावित कर सकने वाली गतिविधियों की निगरानी के संबंध मे पुलिस अभिसूचना संग्रह पुलिस सूचना प्रबंधन का एक प्रमुख भाग है, जो सार्वजनिक शांति-व्यवस्था या आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर सकने वाली गतिविधियों की निगरानी पर संकेन्द्रित है, इसलिए अभिसूचना विभाग की स्थानीय इकाइयां जनपदीय पुलिस को तात्कालिक रूप से संभावित ऐसी परिस्थितियों से अवगत कराते रहना चाहिए। जो शांति व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं, विशेषकर जिनके कारण धरना, प्रदर्शन, घेराव, बंद, रास्ता जाम और हड़ताल आदि संभावित हो सकते हैं, ताकि तदनुसार पुलिस प्रबंध किये जा सकें।
यह आवश्यक है कि इस प्रकार की अभिसूचना में उन विशिष्ट विवरणों का समावेश रहे जिनके आधार पर पुलिस प्रबंध किये जाने हैं, जैसे प्रदर्शनकारियों की संख्या, आयुवर्ग, उग्रता, नेतृत्व, मांगें, आदि, ताकि पुलिस प्रबंध न तो अनावश्यक रूप से ज्यादा हों, न इतने कम कि अशांति या अव्यवस्था का खतरा उत्पन्न हो जाय। स्थानीय अभिसूचना इकाइयों को इस जानकारी का प्रयास भी करना चाहिये कि क्या-क्या करने से प्रदर्शनकारियों के रोष या उग्रता को किस हद तक कम या शांत किया जा सकता है। इस हेतु उन्हें न केवल प्रदर्शनकारियों व उनके नेताओं से, बल्कि मामले से संबंधित अन्य सरकारी या गैर सरकारी एजेन्सियों और पदाधिकारियों से भी संपर्क करना चाहिये।
किसी घटना के स्वरूप और प्रतिक्रिया
         अनेक बार किसी घटना या समाचार के प्रतिक्रियास्वरूप अचानक एवं अनायास रूप से नागरिकों द्वारा विरोध प्रदर्शन या अपना रोष प्रकट करना प्रारंभ कर दिया जाता है, जैसे किसी सड़क-दुर्घटना पर, या भिन्न समुदायों के व्यक्तियों के बीच किसी झगड़े को लेकर, या किसी ऐसी घटना या अभिव्यक्ति को लेकर जो किसी एक समुदाय को
अपमानजनक लगे। सामान्यतः स्थानीय पुलिस थाने या बीट अधिकारी को नागरिकों की इस प्रकार की प्रतिक्रिया की सूचना  तत्काल अपने संबधित उच्चाधिकारियों को देनी चाहिए।
 
 कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर
शांति-व्यवस्था बिगड़ जाने के दौरान भी अभिसूचना कर्मियों को ऐसी जानकारियां करते रहनी चाहिये जिनसे स्थिति को शांत करने एवं उग्रता कम करने के लिये कारगर कार्यवाही की जा सके, जैसे किसी पुलिस टुकड़ी द्वारा शांत जनसमूह पर अनावश्यक पाबंदियां लगाने को रोका जाना, उग्र नेतृत्व की गिरफ्तारी किया जाना, गिरफ्तार व्यक्तियों को रिहा किया जाना, घायलों के उपचार की व्यवस्था, जनसमूह का ज्ञापन प्राप्त करने के लिये किसी उच्च अधिकारी का आना आदि। अभिसूचना कर्मियों द्वारा शांति-व्यवस्था पुनस्र्थापित करने हेतु शासन, प्रशासन या पुलिस की ओर से की जा सकने वाली पहलों की जानकारी के लिये जन-समूह व उसके नेताओं से निरंतर अनौपचारिक संपर्क बनाये रहना चाहिये ताकि बातचीत, संवाद,आपसी समझौते, सहमति की गुंजाइश रहे।
 
आंतरिक सुरक्षा के संदर्भ में स्थानीय अभिसूचना इकाइयों की भूमिका
आंतरिक सुरक्षा के संदर्भ में स्थानीय अभिसूचना इकाइयों की भूमिका उन संकेतकों पर निगरानी रखने की है जिनसे राष्ट्र विरोधी तत्वों की पूर्ववर्ती (precursor) गतिविधियों, जैसे धार्मिक कट्टरवादी व्यवहार, असहिष्णु व्यवहार, हवाला, विदेशी धन, बाहरी व्यक्तियों स्थानीय जिला प्रशासन की किसी कार्यवाही से उपजे असंतोष की स्थिति में वास्तविकता की जानकारी के लिये अनेक बार जिला इकाइयों द्वारा प्रेषित सूचना के सत्यापन की आवश्यकता होती है। अनावश्यक रूप से संसाधनों का विचलन पुलिस विभाग के संसाधनों का एक बड़ा भाग शांति-व्यवस्था कायम रखने में व्यय होता है, इसलिये इस हेतु संसाधनों को ऐसी परिस्थितियों पर संकेन्द्रित करना आवश्यक है।
 
समीक्षा के दौरान जनपद मिर्जापुर में नियुक्त निरीक्षक सुधीर कुमार, उपनिरीक्षक रामबदन यादव को कड़ी चेतावनी, कार्यशैली में सुधार नहीं होता है तो आगामी समीक्षा बैठक में आपके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
समीक्षा के दौरान जनपद मिर्जापुर में नियुक्त निरीक्षक सुधीर कुमार, उपनिरीक्षक रामबदन यादव को कड़ी चेतावनी , कार्यशैली में सुधार नहीं होता है तो आगामी समीक्षा बैठक में आपके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। बैठक के दौरान परिक्षेत्र के अभिसूचना विभाग के समस्त अधिकारी, कर्मचारीगण मौजूद रहे।
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