पडताल

मुख्य विकास अधिकारी ने अस्थाई गौ आश्रय स्थलों का किया निरीक्षण

मीरजापुर। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस ने अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बरकछा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, खण्ड विकास अधिकारी सचिव एवं केयर टेकर मौके पर उपस्थित रहे। अस्थायी गौ-आश्रय स्थल विकास खण्ड सिटी विकास खण्ड बरकछा में कुल 53 गोवंश का संरक्षण किया गया है। जिसमें 40 नर एवं 13 मादा संरक्षित किये गये हैं। सभी गोवंश का ईयर टैग किया गया है। यह गोवंश आश्रय स्थल मीरजापुर- रावट्रसगंज मेन रोड पर स्थित है। यहाँ पर दो केयर टेकर लल्लू पाल एवं नन्दलाल तैनात हैं। इस गोआश्रय स्थल पर जगह कम होने के कारण पशुओं को दो पार्ट में संरक्षित किया गया है। पशुओं को पीने हेतु पानी की आपूर्ति सबमर्सिबल के माध्यम से की जा रही है। भूसा गोदाम में 22 कुन्तल भूसा एवं 01 कुन्तल चोकर रखा हुआ है। पशुओं के मल-मूत्र के निकास हेतु नाली की व्यवस्था न होने के कारण कैम्पस में काफी गंदगी पायी गयी।

 

मौके पर उपस्थित अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को गंदा पानी निकास हेतु नाली की व्यवस्था कराने हेतु निर्देशित किया गया निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गो आश्रय स्थल की भूमि पर बगल के ही एक व्यक्ति श्री जैप्रकाश मौर्या पुत्र मेवालाल मौर्या द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य अधिकारी से पूछा गया कि अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध आपके स्तर से क्या कार्यवाही की गयी तो उनके द्वारा कोई समुचित उत्तर नहीं दिया जा सका। इससे स्पष्ट है कि अपर मुख्य अधिकारी की जानकारी में उस व्यक्ति द्वारा गो आश्रय स्थल की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, इससे इनकी संलिप्तता परिलक्षित होती है।

 

नौके पर ही अपर मुख्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि एक सप्ताह के अन्दर इसकी पैमाइश कराते हुये अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराकर अधोहस्ताक्षरी को अवगत करायें। अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल विकास खण्ड कोन भोगाव के निरीक्षण के समय अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, ब्लाक प्रमुख कोन, सचिव, प्रधान एवं केयर टेकर मौके पर उपस्थित रहे। इस गो आश्रय स्थल पर कुल 93 गोवंश, जिसमें 24 नर एवं 69 मादा संरक्षित किये गये हैं। सभी गोवंश का ईयर टैग किया गया है। यहाँ पर 4 केयर टेकर क्रमशः श्री राजेश सिंह, श्री राम सागर श्री करन एवं श्री पतिराज तैनात हैं।

 

गो आश्रय स्थल की बाउण्ड्री लोहे की जाली से बनायी गयी है, जो उचित प्रतीत होती है। गोवंश को पानी की व्यवस्था सबमर्सिबल के माध्यम से की गयी है। गोदाम में 40 कुन्तल भूसा एवं 15 कुन्तल चोकर रखा हुआ पाया गया। प्रधान द्वारा अवगत कराया गया कि जेनरेटर की व्यवस्था भी की गयी है। यह भी अवगत कराया गया कि यह गांव भदोही जनपद की सीमा से लगा हुआ है तथा दूसरे जनपद भदोही के किसानों द्वारा अपने जानवरों को इस गो आश्रय स्थल के आस-पास छोड़ दिया जाता है, जिससे गोवंश की संख्या बढ़ जाती है। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि 03 गोवंश बीमार हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।

 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बर्मी कम्पोस्ट बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिया गया. इस हेतु विकास खण्ड लालगंज के गो आश्रय स्थल बामी के स्टाफ से वांछित सहयोग प्राप्त कर कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने का निर्देश दिया गया। मौके पर उपस्थित विकास खण्ड कोन के ब्लाक प्रमुख द्वारा ग्राम तिलठी में अस्थायी गो आश्रय स्थल स्थापित किये जाने की मांग की गयी, जिस पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। विकास छानबे गोवंश आश्रय स्थल नीबी गहरवार के निरीक्षण के समय अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) सचिव, प्रधान एवं केयर टेकर मौके पर उपस्थित रहे। इस गो आश्रय स्थल पर कुल 47 गोवंश, जिसमें 19 नर एवं 28 मादा संरक्षित किये गये हैं।

 

सभी गोवंश का ईयर टैग किया गया है। 03 केयर टेकर क्रमशः श्री शिवमणि श्री अशोक सिंह एवं श्री शिव शंकर यादव तैनात हैं। गोवंश को पानी की व्यवस्था सबमर्सिबल के माध्यम से की गयी है। गोदाम में 41 कुन्तल भूसा एवं 01 कुन्तल चोकर रखा हुआ है। बाउण्ड्री कैम्पस से लगभग 3-4 फीट ऊपर है। तथा लोहे के तार से घेरा गया है। कैम्पस में साफ-सफाई की गयी है, किन्तु कैम्पस के अन्दर गंदा पानी निकासी हेतु कोई व्यवस्था न होने के कारण बरसात का पानी न निकल पाने से कीचड़ हो जायेगा तथा गोवंश के बीमार होने की सम्भावना है।

 

मौके पर उपस्थित खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि कि पानी निकासी हेतु कच्ची नाली की व्यवस्था कराते हुये इसका स्लोप सही करायें, जिससे नाली से पानी आसानी से बाहर हो जाय कैम्पस के अन्दर खड़ंजा लगाने का निर्देश दिया गया, जिससे जहाँ जानवर रह रहे हैं वहाँ पर कीचड़ न होने पाये। प्रधान द्वारा अवगत कराया गया कि बिजली का तार दूर के पोल से लिया गया है तथा प्रायः लाइन खराब रहती है, आवश्यकतानुसार पोल लगाये जाने की मांग की गयी। अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- द्वितीय, मीरजापुर को निर्देशित किया गया कि इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करें।

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