0 सेज की स्थापना के बाद बढ़ेगा कालीन उद्योग का दायरा
ओबैदुल्ला अंसारी, भदोही।
सीईपीसी व एकमा सयुक्त रूप से चाहती है कि स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) के लिए अधिग्रहित भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसआईडीसी) कार्पेट सिटी की तर्ज पर विकसित करे। ताकि कालीन उद्योग को बढने का अवसर मिले। साथ ही वाराणसी व भदोही की दूरी कम हो सके।
उक्त बातें सीईपीसी के प्रशासनिक समिति के सदस्य इम्तियाज अंसारी ने एक विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि सेज योजना के असफलता के बाद अधिग्रहित भूमि की जिम्मेदारी यूपीएसआईडीसी को है। उन्होंने बताया कि 23 जून दिन गुरुवार को लखनऊ में भदोही औधोगिक विकास प्राधिकरण (बीड़ा) के बोर्ड की बैठक आयोजित है। जिसमें एकमा व सीईपीसी के पदाधिकारी भाग ले रहे है। बैठक में इस मुद्दे को उठाकर मांग होगी कि सम्बंधित विभाग से बीड़ा को भी जोड़ा जाए। हम लोग भी सम्बंधित विभाग के प्रमुख सचिव व आवश्यकता पड़ने पर कैबिनेट मंत्री से भेंटकर इस बात को रखा जाएगा।
सीओए ने आगे बताया कि कालीन नगरी का दायरा सीमित होने से आज जमीनों की कीमतें आसमान छू रही है। कारण भूमि कम व काम करने वाले अधिक है। ऐसे में कंधिया स्थित अधिग्रहित भूमि कार्पेट सिटी की तर्ज पर विकसित होने से कालीन उद्योग का दायरा बढेगा। वाराणसी से भदोही की दूरी कम होगी।