0 पेंसिल, रंग, पेड़ो की पत्तियों, चित्रकला, शादीकार्ड, चार्ट पेपर, पुरानी ड्राइंग शीट मिट्टी की मदद से बनाये मॉडल
मिर्जापुर।
प्रतिभाओं को तरासना पड़ता है, उन्हें निखारने के लिए समुचित अवसर और स्वस्थ माहौल की जरूरत पड़ती है, अन्यथा एक बेहतरीन योग्यता भी उजागर होने से पहले ही दम तोड़ देती है। यह बातें गुडवीव बालमित्र समुदाय कार्यक्रम के अंतर्गत रामापुर इंटरमीडिएट कालेज में आयोजित ग्रीष्मकालीन शिविरों में शामिल बच्चों की कृतियों प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुए खंड शिक्षाधिकारी मझवा सुरेश कुमार सिंह ने कही।
उन्होंने बच्चों के द्वारा बनाए गई प्रत्येक कृति की भूरी भूरी सराहना करते हुए बताया कि मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान और गुडवीव के प्रयास से संचालित इन समर कैंप की महत्ता आज इसलिए बढ़ जाती है कि इसमें अपने आसपास और घरों में बेकार, रद्दी पड़ी चीजों से एक से बढ़कर एक आकर्षक चीजे बनाने की शिक्षा दी गई। आज जहां हमारा समाज सुविधाभोगी हो रहा है, वही इन गरीब बुनकर और मजदूर परिवार के बच्चों को जीवन के मूल्यों से रूबरू कराया जा रहा है।
बालमित्र समुदाय कार्यक्रम के प्रबंधक जय प्रकाश ने बताया कि प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम के अंतर्गत समर कैंप का आयोजन किया जाता रहा है। हमारा प्रयास सदैव बच्चों और समुदाय को प्रकृति और पर्यावरण हितैषी बनाना रहा है। मिर्जापुर के मझवां ब्लॉक में कुल सोलह कैंप में 295 बच्चों ने सक्रिय भागीदारी की। जिसमें बच्चों को पेंसिल और रंग तथा विभिन्न पेड़ो की पत्तियों से चित्र कला और शादी के कार्ड, चार्ट पेपर, पुरानी ड्राइंग शीट मिट्टी आदि की मदद से विभिन्न मॉडल बनाना सिखाया गया। इन समर कैंप को संचालित करने का उद्देश्य बच्चों के अंदर प्रकृति प्रेम और बेकार वस्तुओ का सदुपयोग कर उन्हें बेहतरीन उपयोग के लिए तैयार करना रहा।
आज इन बच्चों की कृतियों को देखकर यह कहा जा सकता है हमारी टीम इस काम में बहुत हद तक सफल रही है। कार्यक्रम में सहयोग करने वाले 16 युवाओं को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया। बीआरसी मझवाँ से लक्ष्मण प्रसाद और आसपास के समुदाय से आए अभिवावक लोगों ने बच्चों की प्रदर्शनी को देखा और उसे बनाने की प्रक्रिया के बारे में समझा। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्राधिकारी डा भोलानाथ ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रामापुर इंटरमीडिएट कालेज के प्राचार्य वीरेन्द्र प्रताप सिंह गोवर्धनपुर के ग्राम प्रधान जाकिर हुसैन, रामापुर ग्राम प्रधान छोटेलाल पटेल, करसड़ा के ग्राम प्रधान नीरज कुमार सरोज, शौकत अली, बीडीसी रामजी वर्मा, पूर्व प्रधान रामापुर राजकुमार, आसपास के कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक और अध्यापकगण मौजूद थे। इसके अलावा सुरेन्द्र कुमार मौर्य, हीरामणी, अनिता मौर्या, बिंदू सरोज, रेनू देवी, पंचदेव, ज्योति पटेल, सरोज देवी, चंद्रभूषण, निशा मौर्या, दीपा, निशा साहू और नीलम चौहान आदि ने सहयोग किया।