मिर्जापुर।
जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर द्वारा समर्थित कलाम इनोवेशन लैब अहरौरा के जुगाड़ू नवप्रवर्तक रोहित मौर्य ने अपनी स्थानीय समस्याओं के अनुरूप नवाचार करते रहते है। नवप्रवर्तक रोहित मौर्य के मार्गदर्शक की पत्नी के एक्सीडेंट होने के कारण ट्रामा सेंटर में भर्ती रहने के दौरान रोहित उन्हें बनारस देखने गए तो पता चला कि उन्हें घर ले जाने के लिये डॉक्टर्स ने कहा है वे अब काफी ठीक है। उन्हें सर्जिकल बेड पर ही रहना होगा।
रोहित ने मार्केट में सर्जिकल बेड की कीमत पता किया तो वह लगभग 10000 से 15000 के आस पास थी, रोहित के दिमाग मे एक नया आईडिया आया कि क्यो न सर्जिकल बेड बनाई जाय। रोहित ने मार्केट से 800 रुपये के फोल्डिंग चारपाई खरीदकर, उसमे 1500 रुपये की प्लाई खरीदकर लगाया, फिर 500 रुपये के अन्य सामान लेकर उसे असेम्बल कर दिया, जो नए सर्जिकल बेड के रूप में तैयार हो गयी। इस सर्जिकल बेड में सभी सुविधाएं अस्पताल के सर्जिकल बेड की तरह है। इसे तैयार करने में लगभग 3000 रुपये खर्च आये। इस बेड को रोहित ने कलाम इनोवेशन लैब में तैयार किया।
जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि रोहित कलाम इनोवेशन लैब का अच्छा नवप्रवर्तक है।इन्होंने कोरोना काल मे कूकर की मदद से भाप लेने की मशीन अपने दादी के लिए बनाकर उनकी जान बचाई थी, उस समय मार्केट में मशीन उपलब्ध नही थी।रोहित ने गाजर घास उखाड़ने की मशीन,कचरे से प्लास्टिक निकालने की मशीन, गोवर गैस प्लांट में नई तकनीकी आदि पर नवप्रवर्तन कर चुके है। इनका जुगाड़ू सर्जिकल बेड बहुत सरल तकनीकी द्वारा बनाया गया है।