ब्यूरो रिपोर्ट, इइलाहाबाद।
कौन कहता है कि आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्र समायोजन निरस्त कर शिक्षा मित्रो को अयोग्य करार दे दिया हो। लेकिन समायोजन निरस्त होने के बाद भी शिक्षामित्र अपने कैरियर को लेकर पत्थर तबियत से उछाल रहे है। महिला शिक्षा मित्र ने समायोजन निरस्त होने के बाद देश की सबसे बडी आईएएस की परीक्षा पास कर न सिर्फ सरकार बल्कि आम जनमानस को यह बता दिया है कि शिक्षा मित्र योग्य है। यह बात दीगर है कि एक लंबा समय अध्ययन छूटा हुआ है और उनकी उम्र अधिक हो गयी है।
एक ओर जहां शिक्षामित्रों के प्रति लोगों में तरह-तरह की भावनाएं हैं तो वहीं शिक्षामित्र से शिक्षिका बनीं सीरत फातिमा आईएएस बन शिक्षक समाज का मान बढ़ाने का कार्य की है। सीरत फातिमा के आईएएस में चयन होने पर उनके परिवार के साथ ही शिक्षक समाज में खासा उत्साह है। लोग जगह-जगह उनका स्वागत कर रहे है।
श्रीमती सीरत फातिमा इलाहाबाद के कौड़िहार ब्लॉक में शिक्षामित्र पद पर तैनात थी। वर्ष 2015 में इनका सहायक अध्यापक के रूप में समायोजन हुआ था। इनकी मेहनत एवं लगन के कारण इनका चयन आईएएस 2017 में हुआ है।
सीरत फातिमा के आईएएस में चयन होने पर उनके विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं, स्टाफ के लोगों ने माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया गया तो वहीं आईएएस बनीं सीरत फातिमा ने बच्चों में मिष्ठान वितरण कर अपनी ख़ुशी का इजहार किया। साथ ही उन्होंने बच्चों को मन लगा कर पढ़ाई के सन्देश भी दिए।
शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के बाद आईएएस में चयन होने पर सीरत फातिमा को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला सहित प्रदेश के पदाधिकारियों, जनपद के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें दिली मुबारकबाद पेश की है।