मिर्जापुर

चरक संहिता की चिकित्सीय उपयोगिता एवं प्रबंधन की दी गयी विस्तृत जानकारी

महर्षि चरक जयंती पर एपेक्स आयुर्वेद कॉलेज मे व्याख्यान सगोष्ठी का आयोजन 

मिर्जापुर।

एपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मैडिसिन एंड हॉस्पिटल प्रांगण मे स्वतत्रता के 75 वर्ष मानते हुए आज़ादी का अमृत के अंतर्गत महर्षि चरक जयंती के अवसर पर महर्षि चरक पूजन सहित ‘चरकस्तु चिकित्सते’ विषय पर व्याख्यान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। डीन प्रो सुनील मिस्त्री एवं प्रधानाचार्य प्रो एके सोनकर एवं बीएएमएस फेकेल्टी की उपस्थिति मे मुख्य अतिथि प्रो बीके द्विवेदी पूर्व विभागाध्यक्ष, संम्हिता सिद्धान्त आयुर्वेद संकाय बीएचयू द्वारा महर्षि चरक की पूजा कर दीप प्रज्ज्वलित कर व्याख्यान संगोष्ठी का शुभारंभ किया।

अपने व्याख्यान मे प्रो द्विवेदी ने चरक संम्हिता की चिकित्सीय उपयोगिता एवं प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी गई।
एपेक्स चेयरमैन डॉ एसके सिंह ने संगोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि चरक प्रबंधन एक फिजीशियन की भूमिका निभाता है जैसे कि महर्षि सुश्रुत सर्जरी की और आयुर्वेद विधा मे इन महान वैद्यों द्वारा लिखे गए अनेकों शास्त्र चिकित्सीय परामर्श हेतु संदर्भित किए गए हैं।

संगोष्ठी मे सम्हिता सिद्धान्त, रचना शारीर, क्रिया शारीर, द्रव्य गुण, रोग निदान, रसा शास्त्र, अगद तंत्र, बाल रोग, प्रसूति तंत्र, स्वास्थ्य वृत्त कायचिकित्सा, पंचकर्मा, शालक्य तंत्र, शल्य तंत्र आदि विभागो के प्रोफेसर, एसोसिएट एवं सहायक प्रोफ़ेसरों डॉ अमित सिंह, डॉ आभा, डॉ रजनीश पाठक, डॉ अरविंद गौतम, डॉ सिद्धार्थ, डॉ प्रवीण राय, डॉ पीके सिंह, डॉ मनोज, डॉ दिलीप, डॉ यशपाल, डॉ आकांक्षा, डॉ वीणा, डॉ आरती चौरसिया सहित बीएएमएस के छात्रों ने भाग लिया।

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