मिर्जापुर।
वर्ष १९९२ में स्थापित मीरजापुर लोक कला संगीत संस्कृति प्रचारिणी समिति द्वारा विगत 30 वर्षों से लगातार श्रावणी झुनानोत्सव के पर्व पर पंच दिवसीय संगीत समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। इस निरंतरता को बनाये रखते हुये इस वर्ष ३१ वें पंच दिवसीय संगीत समारोह के प्रथम दिवस दिनांक 7-८-२०२२ रविवार को संगीत समारोह का शुभारम्भ श्री राम दरबार की भव्य आरती के पश्चात सर्वप्रथम राजेश गुप्ता द्वारा माँ सरस्वती की वंदना कर किया गया।
सेवा निवृत्त ई० दयाशंकर जोशी के बाल शिष्यों अनूप व आदर्श पाण्डेय द्वारा भजन, शिष्य निशान्त त्रिपाठी द्वारा कजली, शिवजी करके नंदी सवारी, गौरा ब्याहन आये ना, शिष्य सन्नी शर्मा द्वारा कजली, झूला पड़ा सखी निबिया के डार में, सावन के बहार में ना, शिष्य श्रवण कुमार द्वारा कजली रिमझिम पड़े ला फुहार हो, सवनवा आई गईली बलमू की सुन्दर प्रस्तुति की गई. तबले पर संगत करते स्वयं दयाशंकर जोशी जी ने किया।
रामनारायण यादव द्वारा कजली व राजू कसेरा द्वारा भजनों की सुन्दर प्रस्तुति की गई. सुरेन्द्र यादव द्वारा प्रस्तुत भजन छाती चीर के हनुमान ने दिखा दिये श्रीराम, मेरे तन में बसे हैं राम मेरे मन में बसे हैं राम ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. विश्व हिन्दू परिषद मीरजापुर के नगर उपाध्यक्ष राजीव सिंह द्वारा प्रस्तुत भजन ओ विन्ध्यवासिनी माँ और राम जी की निकली सवारी, राम जी की लीला है न्यारी ने वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय कर दिया।
बैकुण्ठ केसरवानी द्वारा बदरा घेरी-घेरी ना बरसे, जियरा तरस-तड़प रहे मोर, देवी प्रसाद मौर्या द्वारा दूलहा बनके त्रिपुरारी चले, नन्दी के सवारी चले ना प्रभाकर त्रिपाठी द्वारा दर्द मेरे दिल का मिटा क्यूं नहीं देते, बिहारी जी मुझे वृन्दावन बुला क्यूं नहीं लेते खूब सराहा गया. श्रीमती सूफिया शैला द्वारा कईसे खेलन जइबू सावन में कजरिया, बदरिया घेरी आई ननदी व सावन मास पिया घर नाहीं, मेघवा बरसन लागे ना और सुश्री रानी सिंह द्वारा बूँदवां टपके मोर अंगनवा, ए सुन हो ननदी व मीरजापुर कईल गुलज़ार हो, कचौड़ी गली सुन कईल बलमू कजली की सुन्दर प्रस्तुति दी गई।
सूरज सोनकर द्वारा स्वरचित कजली राम क नाम सदा सुखदायी, कईल राम-जानकी माता क भजनिया पड़ेला झिर-झिर बुनिया की रसभरी प्रस्तुति रही। जितेन्द्र कुमार द्वारा प्रस्तुत भजन दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार, यहां से गर मैं हारा कहां जाऊंगा सरकार समारोह में खूब सराहा गया. सोनी तिवारी द्वारा मुझको दीवाना तेरे नाम ने किया, मैं पागल हो गया की बहुत सुन्दर प्रस्तुति रही। वरिष्ठ लोकगीत गायक अमरनाथ शुक्ल की प्रस्तुति के पश्चात अध्यक्ष अतुल चड्ढा द्वारा प्रथम दिवस के विराम की घोषणा की गई।
तबले पर करन कुमार सोनकर उर्फ़ पप्पू अंग्रेज, ब्रिजेश गुप्ता व हारमोनियम पर शिवलाल गुप्ता व राजू कसेरा ने बहुत कुशल संगत कर समारोह को उंचाई प्रदान की। कुशल संचालन शिवलाल गुप्त व अमरनाथ शुक्ल ने किया। समारोह में प्रमुख रूप से मोहनदास स्वामी, सुशील बरनवाल, विन्ध्यवासिनी प्रसाद केसरवानी, सौरभ खत्री, सुरेश शास्त्री, राजेश गुप्ता, हार्दिक केसरवानी, मन्टू विश्वकर्मा, राकेश यादव, मोहन खत्री सहित सैकड़ों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।