0 जहां उतरी इन्दिरा गांधी, उतरता रहा बिड़ला का जहाज, वह हवाईपट्टी अतिक्रमण की जद मे
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्ज़ापुर।
पडरी थाना क्षेत्र के झिगुरा स्थित हवाईपट्टी का निरीक्षण बुधवार को मण्डलायुक्त विन्ध्याचल मंडल मुरली मनोहर लाल ने दोपहर मे किया। उन्होने 15.302 हेक्टेयर में फैले हवाई अड्डे की जमीन का औचक निरीक्षण किया और लगभग 60 वीघे में फैले हवाई पट्टी की जमीन पर अतिक्रमण देख कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने तहसीलदार सदर विकास कुमार पांडेय को हवाई पट्टी के जमीन की मापी कराकर अतिक्रमण करने वाले लोगो के विरुद्ध कडी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। बताते चलें की उक्त हवाई पट्टी का निर्माण प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय मे कराया गया था और यहाँ हवाई जहाज भी उतरती थी। मुर्धवा रेनूकुट मे हवाई पट्टी बनने से पूर्व जाने माने उद्योगपति बिरला जा का हवाई बेडा इसी हवाई पट्टी पर उतरता रहा। यहा ऊतरकर बिडला जी सडक मार्ग से हिंडाल्को जाया करते थे। लेकिन 4 दशक पूर्व से इस पर ध्यान न दिए जाने के कारण हवाई पट्टी। और अगल बगल की जमीन पर कास्तकारों ने हवाईपट्टी के जमीन को कब्जा कर खेती बारी सुरु कर दी है। जिसकी शिकायत मिलने पर कमिश्नर पूरे टीम के साथ निरीक्षण कर कार्यवाही के लिए कड़ी निर्देश दिये। कमिश्नर ने ग्राम पंचायत मोहनपुर भवरख के झिगुरा मौजे में बने जल निगम द्वारा पानी के टंकी को देखा तथा ग्रामीणों से टंकी के बाबत जानकारी ली और मौके पर मौजूद जलनिगम के अधिकारियों को निर्देशित किए की टंकी में हुये गड़बड़ी व लीकेज को सही कराकर पेयजल ब्यवस्था मुहैया कराया जाए। इस मौके पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल, एसडीएम अरविंद कुमार चौहान, तहसीलदार विकास कुमार पांडेय, जल निगम के एसी एआर रस्तोगी, सहायक अभियंता ए के जायसवाल, आरएफसी के रवि कुमार, अघवार के पूर्व प्रधान एवं समाजसेवी अनिल कुमार यादव समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्ज़ापुर।
पडरी थाना क्षेत्र के झिगुरा स्थित हवाईपट्टी का निरीक्षण बुधवार को मण्डलायुक्त विन्ध्याचल मंडल मुरली मनोहर लाल ने दोपहर मे किया। उन्होने 15.302 हेक्टेयर में फैले हवाई अड्डे की जमीन का औचक निरीक्षण किया और लगभग 60 वीघे में फैले हवाई पट्टी की जमीन पर अतिक्रमण देख कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने तहसीलदार सदर विकास कुमार पांडेय को हवाई पट्टी के जमीन की मापी कराकर अतिक्रमण करने वाले लोगो के विरुद्ध कडी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। बताते चलें की उक्त हवाई पट्टी का निर्माण प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय मे कराया गया था और यहाँ हवाई जहाज भी उतरती थी। मुर्धवा रेनूकुट मे हवाई पट्टी बनने से पूर्व जाने माने उद्योगपति बिरला जा का हवाई बेडा इसी हवाई पट्टी पर उतरता रहा। यहा ऊतरकर बिडला जी सडक मार्ग से हिंडाल्को जाया करते थे। लेकिन 4 दशक पूर्व से इस पर ध्यान न दिए जाने के कारण हवाई पट्टी। और अगल बगल की जमीन पर कास्तकारों ने हवाईपट्टी के जमीन को कब्जा कर खेती बारी सुरु कर दी है। जिसकी शिकायत मिलने पर कमिश्नर पूरे टीम के साथ निरीक्षण कर कार्यवाही के लिए कड़ी निर्देश दिये। कमिश्नर ने ग्राम पंचायत मोहनपुर भवरख के झिगुरा मौजे में बने जल निगम द्वारा पानी के टंकी को देखा तथा ग्रामीणों से टंकी के बाबत जानकारी ली और मौके पर मौजूद जलनिगम के अधिकारियों को निर्देशित किए की टंकी में हुये गड़बड़ी व लीकेज को सही कराकर पेयजल ब्यवस्था मुहैया कराया जाए। इस मौके पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल, एसडीएम अरविंद कुमार चौहान, तहसीलदार विकास कुमार पांडेय, जल निगम के एसी एआर रस्तोगी, सहायक अभियंता ए के जायसवाल, आरएफसी के रवि कुमार, अघवार के पूर्व प्रधान एवं समाजसेवी अनिल कुमार यादव समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
इन्दिरा गांधी और बिडला का उतरता था हवाई जहाज
बुधवार को विंध्याचल मंडल के कमिश्नर मुरली मनोहर लाल द्वारा हवाई पट्टी झुमरा की जमीन से अतिक्रमण हटाने का निर्देश मातहतों को दिया गया। बता दें कि इसके पूर्व भी लगभग डेढ़ दशक पहले यहां के तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रमा प्रसाद एवं पुलिस अधीक्षक एस एन सावत ने झिगुरा से हवाई पट्टी तक अतिक्रमण हटाने के लिए ना सिर्फ निर्देश दिए थे, बल्कि मुनादी कराई थी। लेकिन उस समय अतिक्रमण करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। इन अधिकारियों का जिले से तबादला होने के बाद हवाईपट्टी की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के बाबत किसी भी अधिकारी ने संजीदगी नहीं दिखाई। ऐसे में हवाई पट्टी की जमीन पर लगातार अतिक्रमणकारी गिद्धो का डेरा बढ़ता ही गया। यहां तक कि लोगों ने कृषि करने के साथ ही पक्के मकान तक का निर्माण करा रखा है। एक बार फिर कमिश्नर ने जन्म शिकायत के आधार पर ऐतिहासिक हवाईपटटी को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का हवाई जहाज इसी हवाई पट्टी पर उतारा गया था। यहां से मिर्जापुर जिला मुख्यालय पहुंच कर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था और तत्पश्चात मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर वह वापस लौट गई थी। यही नहीं इसी हवाई पट्टी से देश के दिग्गज उद्योगपति बिडला जी अपने व्यापारिक कार्यों से हिंडालको आते जाते थे। लोगों की माने तो सन साठ के दशक में बनी इस हवाईपट्टी के निर्माण होने के बाद से जब तक बिडले जी ने हिंडाल्को रेणुकूट में अपना निजी हवाई अड्डा नहीं बनवा लिया तब तक उनका हवाई जहाज यही उतरता था और यहां से सड़क मार्ग द्वारा वह रेनुकूट जाकर अपना व्यापारिक कार्य देखते थे।