0 30 वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय है ‘स्वास्थ्य और कल्याण हेतु परितंत्र को समझना’
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी संचार परिषद भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित राष्ट्र व्यापी गतिविधि राष्ट्रीय बाल विज्ञान के 30 वे आयोजन हेतु जिला स्तरीय बाल वैज्ञानिको बच्चे एवम शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर समस्या को चयनित कर विज्ञान विधि का प्रयोग करने हेतु लघु शोध पत्र प्रदर्शित करने की तरकीब सिखाई गयी। इस कार्यक्रम में 132 बच्चे एवम बेसिक एवम माध्यमिक स्तर के विज्ञान अध्यापकों एवं टीचर्स ने प्रतिभगिता की। इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में राज्य एकेडमिक समन्यवक डॉक्टर विजय कुमार असिस्टेन्ट प्रोफेसर जीव विज्ञान ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 10 वर्ष से 17 वर्ष तक के बच्चे निर्धारित विषय पर स्थानीय समस्या को चुनकर अपने लघुशोध पत्र तैयार करते है।
उन्होंने शोध पत्र तैयार करने के नौ आयामो पर बच्चो एवम टीचर्स को स्लाइड के माध्यम से समझाया। राज्य समन्यवक डॉक्टर यस के सिंह ने प्रोजेक्ट की गुडवत्ता पर जानकारी दी। डॉक्टर जे पी रॉय एकेडमिक समन्यवक मिर्ज़ापुर एवम कृषि वैज्ञानिक बी यच यू ने उप विषय अपने परितंत्र को जाने एवम स्वास्थ्य पोषण एवम कल्याण हेतु परितंत्र पर स्थानीय स्तर पर सम्भावित प्रोजेक्ट बताए। डॉक्टर यस के गोयल कृषि वैज्ञानिक बीएचयू ने उप विषय परितंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार एवम आत्म निर्भरता हेतु परितंत्र आधारित दृष्टि कोड पर सम्भावित प्रोजेक्ट पर जानकारी दी।
डॉक्टर यस यन सिंह मृदा वैज्ञानिक ने परितंत्र एवम स्वास्थ्य के लिए सामाजिक एवम संस्कृति प्रथा पर सम्भावित प्रोजेक्ट बताए।। सत्यनारायण प्रसाद उप समन्यवक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस मिर्ज़ापुर ने 15 सालों के जनपद में प्रस्तुत लघु शोध पत्रों की समस्या एवम उन्हें अच्छे गुडवत्ता के बनाने में अपने अनुभव को बताया। वर्ष 2021 के राष्ट्रीय स्तर पर चयनित बाल वैज्ञानिक ओनम सिंह ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान से जुड़ने के बाद फायदे के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत मे जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि इस वर्ष प्रत्येक जनपद के एक बच्चो एवम विज्ञान में अभिरुचि वाले अध्यापक का एक ग्रुप बनाकर इस तरह की कार्यशाला की जा रही है,जिससे बाहर के भी एक्सपर्ट जानकारी दे सके।
इस समय मिर्ज़ापुर के ग्रुप में विभिन्न विद्यालयों के बच्चे एवम टीचर्स 478 जुड़ चुके है।आज ये दुसरी कार्यशाला आयोजित की गई है।इस तरह की एक दो ऑन लाइन कार्यशाला कर ज्यादा से ज्यादा बच्चो एवम टीचर्स को जानकारी दी जाएगी।एक ऑफ लाइन कार्यशाला आयोजित की जाएगी जो सितम्बर के अंत मे सम्भावित है। जिला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस नवम्बर के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगी। उन्होंने सभी का आभार प्रदर्शित करते हुए अधिक से अधिक सहभागिता के अच्छे प्रोजेक्ट बनाकर पूरे देश मे प्रथम लाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में कलाम इनोवेशन लैब के युवा इन्नोवटर आर्यन प्रसाद, शिवंम, शशिकांत, प्रिंस कुमार ने सहयोग किया।