0 भारत रत्न पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त के 135वें जयन्ती ’गौरव दिवस’ पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम
0 जी0बी0 पन्त के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर आधारित चित्र, अभिलेख, पुस्तक प्रर्दशनी एवं संगोष्ठी’ का हुआ भव्य आयोजन
0 पन्त जी भारतीय राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, सफल प्रशासक व बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी-जिलाधिकारी
0 पन्त जी के जीवन दर्शन से छात्रों को के0एन0पी0जी0 कालेज के प्राचार्य ने किया प्रेरित एवं मार्गदर्शित
0 कार्यक्रम संयोजक जिला पर्यटन अधिकारी ने कार्यक्रम की प्रासंगिकता व रूपरेखा से कराया अवगत
भदोही।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ’भारतरत्न’ पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त जी के 135वें जयन्ती ’’गौरव दिवस’’ के अवसर पर उनके व्यक्तिव एवं कृतित्व पर आधारित चित्र, अभिलेख, पुस्तक प्रर्दशनी व संगोष्ठी’ का आयोजन के0एन0पी0जी0 कालेज सभागार में किया गया। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने उनको नमन करते हुए बताया कि गोविन्द बल्लभ पन्त भारतीय राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, सफल प्रशासक व बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने कहा की पन्त जी सदैव राष्ट्रीय चेतना के विकास, कृषक हित, शिक्षा एवं सामाजिक जागरूकता के प्रति प्रयासरत रहें।
आयोजित कार्यक्रम में के0एन0पी0जी0 कालेज प्राचार्य डा0 पी0एन0 डोंगरे, प्रो0 कामिनी वर्मा, डा0 रिचा, डा0 राजेश भारती, डा0 पंकज कुमार, श्री रामेश्वर सिंह ने पं0 गोविन्द बल्लभ पंन्त जी के चित्र पर पुष्पान्जलि के साथ श्रद्धाजलि अर्पित किया। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डा0 पी0एन0 डोंगरे ने पं0 गोविन्द बल्लभ पंन्त जी के बहुआयमी व्यक्तित्व के जीवन यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होने जनसामान्य विशेषकर युवा वर्ग एवं विद्यार्थियों को पन्त जी के जीवन दर्शन से प्रेरणा ले कर आगे बढने हेतु प्रेरित किया।
संगोष्ठी के बीज वकतव्य व प्रासंगिकता पर बल देते हुये जिला सूचना अधिकारी डा0 पंकज कुमार ने पं0 गोविन्द बल्लभ पंन्त जी के जीवन दर्शन को रेखाकिंत किया। उन्होने बताया कि संयुक्त प्रान्त में 1937-1939 के समय उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री सहित, स्वतन्त्रता के बाद बने उत्तर प्रदेश नामकरण के भी दो बार मुख्यमंत्री व 1955 से 1961 के बीच चौथे गृहमंत्री पद को उन्होने सुशोभित किया था।
देश के प्रति उनके योगदानांे के कारण ही विन्ध्याचल मण्डल के सोनभद्र में स्थित गोबिंद सागर बाँध, इलाहाबाद में स्थापित जी0बी0 पंन्त सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान, उत्तर प्रदेश के प्रथम कृषि विश्वविद्यालय गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी पन्त नगर, इंजीनियरिंग कालेज पौडी, इण्टर कालेज काशीपुर, उत्तराखण्ड आदि संस्थानों को उनके नाम से स्थापित किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक व जिला पर्यटन एवं संस्कृत परिषद के सचिव राजेश भारती ने कार्यक्रम की उपादेयता एवं रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि गोविन्द बल्लभ पन्त जी ने हिन्दी को ’राजभाषा’ के रूप में प्रतिष्ठित करने, कास्तकारी बिल, स्देशी आंदोलन, काकोरी घटना के क्रान्तिकारियों के मुकदमों की पैरवी करने, ’प्रेमसभा’ नामक संगठन द्वारा जनजागरूकता कार्यक्रम आदि से स्वधीनता आंदोलन के साथ-साथ देश के विकास में अग्रणी भूमिका अदा की।
मुख्य वक्ता समाजशास्त्रीय प्रो0 सूर्यनाथ खरवार ने गोविन्द बल्लभ पन्त द्वारा जीवन के विविध क्षेत्रो में किये गये कार्यो व योगदानो को उदघाटित किया।
उन्होने उनकी शैक्षिक यात्रा, विधिवेत्ता, स्वतंन्त्रता सेनानी, अर्थशास्त्री व विद्धवता के विभिन्न जीवन आयामो से परिचय कराया। उन्होने कहा की पन्त जी अपने समय के युग पुरूष थे। इतिहासकार प्रो0 कामिनी वर्मा ने जी0बी0 पन्त के एतिहासिक जीवन यात्रा के साथ स्वधीनता संग्राम की वेदी में उनके अप्रतिम योगदानो को रेखाकिंत किया। उन्होने पन्त जी को स्वधीनता संग्राम के अद्धितीय सेनानी व सफल राजनेता बताया। डा0 रिचा ने पन्त जी के साहियिक कृतियो का वर्णन करते हुये उनके वैचारिक दर्शन से छात्रो को अवलोकित किया। जनपद के स्वतंन्त्रता सेनानी झूरी सिंह के प्रपैत्र श्री रामेश्वर सिंह नेे बताया कि देश के विकास में पन्त जी ने आर्दश राजनेता की छाप स्थापित की है।
उन्होने अपने पितामह झूरी सिंह द्वारा अंगेजी हुकुमत के खिलाफ किये गये साहसिक कार्यों से सभी को परिचित कराया। के0एन0पी0जी0 कालेज की छात्रा तनु सिंह, उपासना जायसवाल, स्वति मिश्रा ने भी भारतरत्न गोविन्द बल्लभ पन्त जी पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
जिला सूचना कार्यालय द्वारा लगाये गये चित्र, अभिलेख, पुस्तक प्रर्दशनी व कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला सूचना अधिकारी डा0 पंकज कुमार ने सभी अतिथियों व छात्र छात्राओं को प्रदर्शिनी का अवलोकन कराते हुये पन्त जी के जीवन के विविध अभिलेखो व प्रसंगो को प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम में डा0 महेन्द्र यादव, डा0 मेघना त्रिपाठी सहित अन्य प्रोफेसरगण, छात्र-छात्राये व जनता जनार्दन उपस्थित रहें।