मिर्ज़ापुर।
कुंवारी कन्या पूजन के साथ विन्ध्याचल शारदीय नवरात्र मेले का मंगलवार को समापन हो गया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने भी अष्टमी व्रत के उपरांत विंध्याचल में ही नवरात्र के अंतिम दिन नवमी तिथि को कन्या पूजन और हवन पूजन किया।
कुंवारी कन्या पूजन के साथ शारदीय नवरात्र का मंगलवार को समापन हो गया। मां विंध्यवासिनी के दरबार में मंगला आरती के बाद बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन पूजन किए। इसके बाद हवन कुंड में पहुंचकर हवन पूजन किए। मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के गर्भ गृह में पहुंच दर्शन पूजन में जुट गए।
मा विंध्यवासिनी का दर्शन मिलते ही श्रद्धालु निहाल हो गए। विंध्य धाम की गलियां 4:00 बजे भोर से ही श्रद्धालुओ से पटी रही। मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लंबी लगी रही।
वही दर्शन करने से पूर्व श्रद्धालु गंगा स्नान कर हाथों में प्रसाद एवं अन्य पूजा सामग्री लेकर लाइन में खड़े हो गए। मां विंध्यवासिनी के जयकारे से विंध्यधाम की गलियां गूजती रही। विंध्य धाम में दर्शन पूजन के बाद श्रद्धालु अष्टभुजा एवं काली खोह मंदिरों में दर्शन पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा किए।
नवरात्र के नौ दिनों का अनुष्ठान करने वाले श्रद्धालुओं ने हवन पूजन के बाद कुंवारी कन्याओं को भोजन कराके नवरात्रों के व्रत का पारायण किए। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल मंगलवार को नवमी तिथि के अवसर पर विंध्याचल में भी कुंवारी कन्याओं का पूजन किया उन्हें विधान से तिलक लगाकर शक्ति के रूप में उनकी आराधना की तत्पश्चात हवन भी किया। मेला क्षेत्र की व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडीएम शिव प्रताप शुक्ला और नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह विंध्य धाम में जमे रहे।