0 डेंगू हुआ बेईमान साहूकार, ब्याज पर ब्याज गति से बढ़ा रहा अपना खजाना
0 आपदा में नापाक अवसर का फिर समय, प्लेटलेट्स का दर 50/- से उछलकर 300/- पर पहुंचा
0 कमिश्नर के निर्देशों पर कॉलेज प्रशासन रेड-एलर्ट जैसी मुद्रा में
0 खाद्य और पेय पदार्थ ढक कर रखें, ठेले पर गोलगप्पे, चाट-पकौड़े न खाएं, फ्रीज के पानी से परहेज करें।
मिर्जापुर। आपदा में नापाक अवसर का एक मौका कोरोना काल की तरह डेंगू प्रसार के चलते पैथालॉजी टेस्ट के मामले में पैसे के भेड़ियों को मिल गया है। डेंगू से मचे त्राहिमाम् के वक्त कई पैथालॉजी सेंटरों के संचालक ‘झूम मजे से झूम’ गीत पर डिस्को-डांस करने लगे हैं।
48 घँटों में डेंगू का शेयर बाजार जबरदस्त उछला
विजयादशमी के पूर्व पैसेंजर चाल से चल रहा डेंगू इस वक्त बुलेट-ट्रेन की गति पकड़े दिखाई पड़ रहा है। जिस इलाके उसकी सवारी जा रही है, उधर से चीत्कार की गगनभेदी आवाज आ रही है। शहरी इलाकों की गूंज जल्दी सुनाई पड़ जा रही है जबकि ग्रामीण इलाकों में यह आवाज धूल-धूसरित हो जा रही है। हालात बता रहे कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का अनुपात फिफ्टी-फिफ्टी (50-50%) का ही है।
मेडिकल कालेज में नया वार्ड खुला, और भी खोलने की तैयारी
डेंगू के किसी बेईमान साहूकार की तरह ब्याज पर ब्याज (चक्रवृद्धि) का रवैया अपनाते देख मेडिकल कॉलेज के 43 बेड की क्षमता को दूना कर दिया गया है। अब 80 बेड लगा दिए गए हैं। इसके बावजूद खतरे को भांप कर ऊपरी मंजिल पर एक और वार्ड की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार, 9 अक्टूबर को अस्पताल में 65 मरीजे भर्ती होकर डेंगू से बचने की माला जपते देखे गए।
फैकल्टी के डॉक्टर उतरेंगे मैदान-ए जंग में, कमर कस रहे
यदि डेंगू मेडिकल कॉलेज की तैयारियों से काबू में न आया तो फैकेल्टी के डॉक्टरों को हॉस्पिटल में इलाज के लिए उतारे जाने का ह्वीप जारी कर दिया गया है। ताकि हॉस्पिटल के माथे पर कोई धब्बा न लग पाए। इसके लिए कमिश्नर श्री योगेश्वर राम मिश्र के दिशा-निर्देशों को रेड-एलर्ट जैसा मानते हुए प्रिंसिपल कैप्टन आर बी कमल साजो-सामान जुटा रहे हैं। सभी टेस्ट हॉस्पिटल में ही करने का निर्देश दिया गया है।
प्राइवेट टेस्ट की फीस डांडिया-डांस कर रही
प्राइवेट के नामी-गिरामी कहे जाने वाले पैथालॉजी के अधिकांश केंद्र इन दिनों किसी तिकडमी साहूकार से कम नहीं हैं। जिससे जो मन में आ रहा, वसूली कर रहे। सजगता के लिए केवल प्लेटलेट्स टेस्ट के 50/- के रेट में 6 का गुणा कर 300/- लिया जा रहा। टेस्टार्थियों के आश्चर्य प्रकट करने पर जवाब मिलता है कि गनीमत है कि 7 या 8 का गुणा नहीं किया। हो सकता है कल ऐसा ही हो जाए। इसके चलते टेस्टिंग केंद्र सेटिंग केंद्र में बदलते दिख रहे। इन केन्द्रों का डेंगू के चलते ‘बीसों उंगलियां घी में और सिर कड़ाही में’ है।
20 हजार से नीचे आते विषवमन करते डॉक्टर
60 हजार से नीचे प्लेटलेट्स और फीवर आते लोग डॉक्टर के यहाँ जाते हैं। यहां गिनती ऊपर की नहीं नीचे की होती है फिर भी मरीज को ‘बलि का बकरा’ समझते कतिपय डॉक्टर 60 से 50, 40, 30 फिर जब 20 हजार प्लेटलेट्स पर आता है तब अंदर से उनका मन उन्हें ही धिक्कारता है कि ‘धत् तेरे की, दो कौड़ी की तेरी डॉक्टरी और डॉक्टरी पढ़ाई की’ तब बड़े धीरे से कान में मरीज के घर वालों से इसलिए बोलते हैं कि कोई और न सुन लें। बोलते हैं कि ‘ऐसा करो, वाराणसी या प्रयागराज लेते जाओ, दिखा के आओ, फिर तो मैं हूं ही’। मन तो कहता है उनका कि मरीज तो गया जिंदगी से।
घर वालों पर क्या बीतती है, यह निष्ठुर डॉक्टर और उनके नाजायज कमाई के हिस्सेदार क्या जाने ?
किसी का बेटा-बेटी, किसी की पत्नी बेटी, किसी की मां और पिता इलाज की बेईमान-नीयतों से चल बसे, यह पैसे के भेड़िए नहीं समझ पाते। कई मरीजों के परिजनों को इस बात का मलाल है कि वे पहले ही कहीं और चले गए होते, तो यह स्थिति न आती। पुलिस विभाग में अत्यंत लोकप्रिय DCR के सब इंस्पेक्टर विनोद चंद शुक्ल के बैंक ऑफिसर अत्यंत युवा पुत्र रिशु की मृत्यु पर शोकग्रस्त जनपद के अनेकानेक लोगों की यही टिप्पणी थी कि ‘काश ! विलंब न हुआ होता तो एक साल की दूधमुंही बच्ची को छोड़कर रिशु न जाते।’ पंजाब बैंक के रिटायर्ड मैनेजर मदन तिवारी और स्टेट बैंक के कृष्ण मोहन तिवारी के रिश्ते में रिशु थे। इनके भी जानने वाले रो पड़े रिशु की मृत्यु से।
फॉगिंग नहीं, तालाबों में जलजमाव
ऐसी स्थिति में व्यापक पैमाने पर जलजमाव को खत्म करना, फॉगिंग, लार्वा खत्म करने की दवा का छिड़काव होना ही चाहिए। साफ पानी में डेंगू के बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि केवल पानी ही नहीं, हर खाद्य पदार्थ ढका होना चाहिए । ठेले पर गपलगप्पे, चाट-पकौड़े से लेकर कोई भी समान खुला नहीं रखना चाहिए। वायरल अटैक को देखते हुए ठंडा-गर्म से बचना चाहिए। फ्रीज का पानी नहीं पीना चाहिए।