खेत-खलियान और किसान

नेशनल मिशन फार सस्टनेबल एग्रीकल्चर योजना  संचालित किये जाने के सम्बन्ध की गयी बैठक

0 मुख्य विकास अधिकारी ने कृषको को उन्नति, आन फार्म तकनीकी तथा फसल उत्पादन विधि पर दिया बल
मीरजापुर।
  जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देशन एवं मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस की  अध्यक्षता में नेशनल मिशन फार सस्टनेबल एग्रीकल्चर (एन0एम0एस0ए0) योजना को जनपद में प्रभावी ढंग से लागू करने के दृष्टिगत कलेक्ट्रेअ सभागार में बैैठक आहूत की गयी। बैठक में बताया गया कि टिकाऊ कृषि हेतु मुख्य रूप से उन्नति शील बीज, जल उपायेग क्षमता में वृद्धि, पशु विकास, उन्नति कृषि तकनीकी पोषक तत्व प्रबन्धन, कृषि ऋण उपलब्धतता, विपनण व्यवस्था तथा सूचना तक पहुॅच के साथ जीविकोपार्जन साधनों के विविधिकरण के प्रबन्धन हेतु योजना का संचालन शासन द्वारा किया गया हैं।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त योजनान्तर्गत कार्यक्रम का पुनगर्ठन अभिसरण कर नेशनल फार सस्टनेबल एग्रीकल्चर के तहत जनपद के विकास खण्ड राजगढ़ के ग्राम खम्हवा जमती में संचालित किया जाना प्रस्तावित हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित सम्बन्धित विभागो को योजना के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि योजनान्तर्गत कृषको को उन्नति आन फार्म तकनीकी तथा फसल उत्पादन विधि अपनाकर रोजगार का अवसर दिलाना तथा उनमें वर्षा आधारित कृषि में आत्मविश्वास जगाना एवं कृषि विविधिकरण और कम्पोजिट कृषि पद्धति अपनाकर सूखा,बाढ़ तथा वर्षा का कम असमान वितरण की दशा में फसल उत्पादन पर पड़ने वाले कुप्रभाव को कम करना मुख्य उद्देश्य हैं।
उन्होने कहा कि वर्षा सिचिंत कृषि क्षेत्रो कृषि उत्पादकता में सत्त वृद्धि के लिये समुचित कृषि पद्धति प्रणाली को विभिन्न माध्यमों में वृहद प्रचार प्रसार कराया जाय, जनपद के अलावा विकास खण्ड स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन एवं आयोजित होने वाले किसान दिवसों में कृृषको को जानकारी दिया जाय ताकि योजना का कृषक लाभ उठा सकें। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित करते हुये कहा कि योजना का संचालन वर्षा आधारित क्षेत्रो में किया जाय पूर्व में विभिन्न योजनाओं राष्ट्रीय जलागम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नाबार्ड योजना से उपचारित क्षेत्रों में ही चयन किया जाय जिससे उस क्षेत्र की उत्पादकता में वृद्धि तथा वहांॅ के निवासियेां के जीवन स्तर सुधार परिलक्षित हो सकें। उन्होने कहा कि योजनान्तर्गत लघु सीमान्त श्रेणी के कृषको को चयनित करते हुये अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति सामान्य जाति तथा महिला कृषको को लाभान्वित किया जाय।
बैठक डेयरीबेस क्रापिंग सिस्टम, लाइव स्टाक बसे क्रापिंग सिस्टम, हार्टी कल्चर बेस, एग्रो फारेस्टी बेस, पोस्ट हारवेस्ट एण्ड स्टोरेज, वर्मी कम्पोस्ट, साइलेज निर्माण एवं ट्रेनिंग मैंनेजमेंट तथा प्राशसनिक गतिविधियों पर बिन्दुवार चर्चा की गयी। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि योजनान्तर्गत कृषको का पादर्शिता के साथ चयन करते हुये अनुदानित योजना का लाभ सुनिश्चित करायें। इसके अतिरिक्त बैठक वीहड़ व बंजर भूमि के समतीकरण, मेड़बन्दी आदि कार्य के बारे मंे चर्चा की गयी। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि भूमि का समतलीकरण, मेड़बन्दी आदि कार्य जहांॅ कराये जा रहे है ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये ताकि उसकी गुणवत्ता का सत्यापन कराया जा सकें। उप निदेशक कृषि को निर्देशित करते हुये कहा कि वीहड़, बंजर व असिचिंत क्षेत्रों में कृषको को अधिक पानी वालें फसल को न लगाकर चना, उरद, मटर व दलहनी फसलों के बारे में जानकारी दी जाय। बैठक में उन निदेशक कृषि डाॅ ए0के0 उपाध्याय, जिला कृषि अधिकारी पवन प्रजापति, जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी के अलावा अन्य सम्बन्धित अधिकारी व कृषक उपस्थित रहें।
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