राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद अपना दल (एस) के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में जुटे हजारों प्रतिनिधि
-राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सामाजिक न्याय की विचारधारा से पीछे न हटने का लिया संकल्प
लखनऊ/मिर्ज़ापुर।
राज्यस्तरीय पार्टी की मान्यता मिलने के बाद शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल एस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ। इसमें चुनाव प्रक्रिया के तहत निर्विरोध श्रीमती अनुप्रिया पटेल फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। अध्यक्ष चुने जाने के बाद श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘शेर की बेटी हूं पीछे नहीं हट सकती।’ सामाजिक न्याय की विचारधारा से पीछे न हटने का संकल्प लेते हुए उन्होंने सभागार में हजारों प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आलोचनाओं से घबराना नहीं है, क्योंकि पार्टी की प्रगति जिस तेजी से हो रही है, आलोचना स्वाभाविक है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि 17 अक्टूबर 2009 को जब उनके शेर पिता डॉ.सोनेलाल पटेल का निधन हुआ था, उसके 20 दिन पहले ही मेरी शादी हुई थी। मैं राजनीति का ककहरा भी नहीं जानती थी, लेकिन उस समय पार्टी के लोगों ने मुझे महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद 2012 में मैंने वाराणसी के रोहनिया से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। वहां की जनता ने डॉ.सोनेलाल पटेल की सामाजिक न्याय की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए मुझे प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में अपना प्रतिनिधि चुन कर भेजा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती पटेल ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरी पार्टी ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की। 2017 के विधानसभा चुनाव में 11 सीटों पर अपना दल (एस) के उम्मीदवार लड़े और इनमें से 9 ने जीत का परचम लहराया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा। 2022 के विधानसभा चुनाव में 17 सीटों में से 12 पर अपना दल एस ने जीत दर्ज की। पार्टी का यह विस्तार डॉ.सोनेलाल पटेल के सिपाहियों की मेहनत का परिणाम है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि जिस अपना दल का लोग उपहास उड़ाते थे, कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करते थे, उसका इतनी तेजी से विस्तार देखकर सामाजिक न्याय की विचारधारा के विरोधियों के पेट में दर्द होने लगा है। तमाम तरह के अनर्गल आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि विरोधी विरोध करते हैं तो चलता है, लेकिन जब अपने लोग ही विरोध करने लगते हैं तो अंदर से तकलीफ होती है और इस तकलीफ को मैं पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद से ही झेल रही हूं। हमारे ही लोगों का कंधा इस्तेमाल कर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की गई, तब-तब कार्यकर्ताओं के समर्पण, संघर्ष व कर्त्तव्यनिष्ठा के चलते पार्टी और मजबूत होती चली गई।
इस मौके पर उन्होंने 2024 की तैयारी के लिए कार्यकर्ताओं को अभी से 24 घंटे काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से आपलोगों ने अभी तक पार्टी को सफलता दिलाई है, यह सिलसिला आगे भी जारी रखना है और सफलता का नया कीर्तिमान कायम करना है और अधिक से अधिक अपने जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित कराना है। लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से ही सामाजिक न्याय को बुलंद आवाज मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने के लिए अपने प्रयास का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश की सरकार इस समस्या का हल निकाले और यह भी कहा कि सहयोगी पार्टी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इस मामले में बातचीत जारी है।
इसके पहले पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल को मुख्य चुनाव अधिकारी, राष्ट्रीय सचिव माता बदल तिवारी व केके पटेल को सहायक चुनाव अधिकारी की भूमिका में रहे। मुख्य चुनाव अधिकारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से पहले कार्यकर्ताओं को बताया कि अपना दल एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर श्रीमती अनुप्रिया पटेल का ही नामांकन पत्र मिला, लिहाजा उनको निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाता हूं। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महासचिव आरबी सिंह व राष्ट्रीय सचिव केके पटेल ने संयुक्त तौर पर किया।
भाषण के दौरान पिता को याद कर आखें हुईं नम:
भाषण के दौरान श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने जब अपने पिता डॉ.सोनेलाल पटेल का जिक्र किया तो उनकी आंखें नम हो गईं। गला रूध सा गया। रूधे गले से ही वह भाषण देती रहीं।
गेहूं बेचकर पार्टी चलाते हैं कार्यकर्ता:
इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि आज यह सफलता अपना दल एस के करोड़ों कार्यकर्ताओं की मेहनत व समर्पण का प्रतिफल है। हमारे कार्यकर्ता उपजा गेहूं बेचकर पार्टी को संचालित करते हैं।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि पार्टी बढ़ रही है, इस वजह से तरह-तरह के विरोध सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कल ट्रेंड बन गया है कि बड़े नेता का अपमान करिए और सुर्खियों में आ जाइए। ऐसे विरोधियों से हमें सावधान रहने की जरूरत है और उनके किसी भी टिप्पणी पर किसी भी तरह का सोशल मीडिया पर कोई प्रतिकार न करने की अपील की।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल, मार्गदर्शक मंडल के पदाधिकारी जवाहर लाल पटेल, राजेंद्र प्रसाद पाल, रामप्रकट पटेल, राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल, आरबी सिंह, डॉ.जमुना प्रसाद सरोज, अवध नरेश वर्मा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओपी कटियार, पूर्व कारागार राज्य मंत्री एवं विधायक जयकुमार सिंह जैकी, विधायक जीत लाल पटेल, विधायक डॉ.सुरभि, विधायक डॉ.सरोज कुरील, विधायक डॉ.रश्मि आर्य, विधायक अवनीश चंद्र द्विवेदी, विधायक डॉ.सुनील पटेल, विधायक डॉ.आरके पटेल, विधायक विनय वर्मा, विधायक डॉ.वाचस्पति, पूर्व प्रत्याशी हैदर अली खान, राष्ट्रीय सचिव तेजबली सिंह, गिरजेश पटेल, विनोद गंगवार, अम्माद हसन, विधि मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक चौबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल, राष्ट्रीय सचिव मुन्नर प्रजापति, विधि मंच के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप पटेल, विधि मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रमोद पटेल, दर्जा प्राप्त मंत्री रेखा पटेल, महिला मंच की प्रदेश अध्यक्ष अलका पटेल, युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय चौरसिया, महिला मंच की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्चना पटेल, प्रदेश सचिव शिल्पी द्विवेदी, शिखा सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राजेश श्रीवास्तव, विधि मंच के प्रदेश महासचिव नंद किशोर पटेल इत्यादि लोग उपस्थित थे।