ज्ञान-विज्ञान

भौतिक विज्ञानी सीवी रमन की 134 वी जयंती पर ऑनलाइन कर्यशाला

मिर्जापुर। 
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 जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर द्वारा महान भौतिकी वैज्ञानिक सी वी रमन की 134 वी जयंती पर बाल वैज्ञानिको को उनके प्रयोगों के बारे में जानकरी दी गयी, जिसमे129 बाल वैज्ञानिको ने ऑन लाइन भागेदारी की। जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहाकि चंद्रशेखर वेंकट रमन भारत और दुनिया के महान वैज्ञानिको में से एक थे। उन्होंने 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। जिसके कारण प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी कोविज्ञान दिवस मनाया जाता है। 7 नवम्बर 1888 को उनका जन्म मद्रास के त्रिचुरापल्ली के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मानना था कि विज्ञान की पढ़ाई मातृ भाषा मे होनी चाहिए ताकि सभी लोग इसमे भाग ले सके।बचपन से ही उनमें विज्ञान में अभिरुचि थी। वे खेल कहे में विज्ञान के प्रयोग करते थे।उन्होंने आकाश नीला क्यो होता हैं इसके बारे में खोज की।
                              असिस्टेन्ट प्रोफ़ेसर भौतिक विज्ञान डॉक्टर ऐ के सिंह ने प्रकाश के प्रकीर्णन के रमन प्रभाब के बारे में बताया कि यह एक ऐसी घटना है, जिसमे प्रकाश की किरणो को अडू ओ द्वारा हटाये जाने पर वह प्रकाश अपने तरंगदैर्ध्य में बदल जाता है। प्रकाश की किरण जब एक धूल मुक्त पारदर्शी पृष्ठ से गुजरती है, तो बीम की दूसरी दिशा में प्रकाश का छोटा सा अंश उभरता है। इस बिक्री हुए प्रकाश का ज्यादातर हिस्सा तरँग दैर्ध्य अपरिवर्तित रहता है।
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