खास खबर

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव द्वारा राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर के जांच के दौरान मिली खामियो की जांच के लिए कमेटी गठित

मिर्ज़ापुर।

मिर्ज़ापुर में राजकीय संप्रेषण गृह किशोर इन दिनों चर्चा में है। सोनभद्र के अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी सी ए डब्ल्यू और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव द्वारा राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर के जांच के दौरान कई खामियां पायी गयी, जिसमे बच्चो के इस्तेमाल के लिए मगाये गये साबुन की कीमत 70 रूपया बताया गया है। साथ ही मगाये गये सामान की इंट्री भी कही दर्ज नही है।

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में स्थित राजकीय संप्रेषण गृह किशोर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।यहाँ जांच के दौरान एक बड़े खेल का खुलासा तब हुआ जब सोनभद्र से निरक्षण के लिए राजकीय संप्रेषण गृह अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी सी ए डब्ल्यू सोनभद्र एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र द्वारा राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर मिर्जापुर के निरीक्षण के दौरान दौरान तमाम खामियां पाई गई |इन खामियों की जांच के लिए अब एक कमेटी बना दी गयी है।

बतादे की 17 नवंबर 2022 को सोनभद्र से आयीं समिति द्वारा किए गए निरीक्षण में मुख्य रूप से पाया गया कि जो धनराशि शासन द्वारा बच्चों किशोरों पर खर्च की जा रही है उस धनराशि को निकाला तो जा रहा है परंतु जिन सामग्री में चाहे वह कपड़े हो दवा हो बच्चे के नहाने की साबुन हो अथवा उनके खाने में इस्तेमाल की जा रही इसका लेखा-जोखा नही रखा जाता है कि कितनी धनराशि निकाली गई है क्या वह सामान संप्रेषण गृह को प्राप्त हुआ या नहीं इसका कोई भी लेखा-जोखा सामानों की धनराशि निकाली गई है क्या वही समान राजकीय संप्रेषण गृह किशोर को प्राप्त हुआ है या नहीं इसका कोई भी लेखा-जोखा किसी रजिस्टर में समिति के द्वारा नहीं पाया गया।

आए हुए सामानों का विवरण रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया है। आश्चर्य तो तब हो गई की सरकारी खजाने से नहाने की साबुन 70 रूपया के दर से भुगतान भी कर दिया गया जबकि यह कही लिखा नही गया है कि साबुन का क्या नाम है।इसके अलावा खरीदा गया साबुन संप्रेक्षण गृह में पहुचा यहां नही इसकी कही पर इंट्री है। मामले को लेकर डिप्टी डायरेक्टर बाल संरक्षण गृह का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बना दी गयी है।

पुनीत टंडन डिप्टी डायरेक्टर बाल संरक्षण गृह ने बताया कि
यहां राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर का संचालन किया जाता है, जहाँ 23 की जगह 74 बच्चे है। 17 तारीख को सोनभद्र के एडीजे ने जांच किया तो कई खामियां मिली है। जिस पर जांच के लिए कमेटी बनाया गया है।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!