एजुकेशन

किसान की बेटी ने लहराया परचम और किया जिले का नाम रौशन गेट की परीक्षा में आल इंडिया में 231 वां रैंक किया हासिल 

इमिलिया चट्टी, मिर्जापुर।
चुनार तहसील क्षेत्र के किसान की बेटी कविता सिंह बनी सीसा की साफ्टवेयर इंजीनियर, इमिलिया चट्टी खुर्द गांव निवासी किसान नंदलाल सिंह की पुत्री है कविता, सीसा (साइबर सिक्योर्टी कंपनी) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर संभाला कार्यभार,2020 में आयोजित गेट की परीक्षा में आल इंडिया 231वां रैंक किया था हासिल,आईआईटी दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई की पूरी।

इनका प्राथमिक शिक्षा गाँव से हुआ उसके बाद इंटर तक भुड़कुड़ा इंटर करने के बाद महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से B.tech 2019 में की 2022 में M.tech की कविता सिंह ने 2020 गेट का एग्जाम दिया और सफलता हासील की वही उन्होने बताया की हम लोगो को पढ़ाने के लिये माता पिता को बहुत तकलिफ झेलनी पढ़ा,पिता खेती करते हैं,और माता माधुरी सिंह जो गृहणी है हम लोग चार बहन और एक भाई,जो बड़ी बहन अर्चना सिंह इंजीनियरिंग करके आगे की तैयारी कर रही है तो,बबिता सिंह BHU से पढ़ाई कर वाराणसी में ई एस आई सी हॉस्पिटल में नर्सिंग आफिसर हैं तो अनीष्का सिंह बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं ,भाई आर्यन सिंह वाराणसी से इंटर कर रहा हैं कविता बहनो में तीसरे स्थान की हैं इन्होंने बताया कि अपने नाना जी और माता-पिता के प्रेरणा से हम आज इस बुलंदी पर पहुची हूँ यहां तक पहुंचने के लिए पिता ने खेत और मम्मी का जेवर भी बेच कर पढ़ाया हम लोग को हमारा परिवार को बहुत आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी।

बताया की नाना का सपना था कि हम आईआईटी निकालें आज हमारे नाना हम लोगो के बीच नही हैं,हमने नाना के जीवित रहते ही आईआईटी निकाला और नाना बहुत खुश हुए उन्होंने कहा कि आपने तो इतिहास ही बदल दिया आज हम सिलेक्ट हो गए हैं अगर नाना जी जीवित रहते तो बहुत खुश होते आज नाना की कमी हमको और हमारे परिवार को खलता हैं, नाना के स्वर्गवास हो जाने पर बहुत दुख हैं हम सभी परिवार को और नाना की कमी महसूस हो रहा है।

आज जो भी हूं हम अपने नाना और माता पिता के आशीर्वाद से इस बुलंदी पर पहुंची हूं नाना गणेश प्रसाद सिंह जो जमालपुर इन्टर कालेज के प्राध्यापक थे जो उनका स्वर्गवास 2 साल पहले ही हो गया,नाना का सपना था कि हम आईआईटी निकाले नाना के सपनों को साकार किया ,हम लोग चार बहन और एक भाई हैं बड़ी बहन इंजीनियरिंग करके आगे की तैयारी कर रही है,छोटा भाई वाराणसी से इंटर कर रहा हैं।

उसका भी सपना है कि इन्जीनियरिंग की तैयारी करु उसको भी यह मार्गदर्शन अपने बहन कविता सिंह से मिला ,कविता सिंह ने बताई की हम पहले से ही कक्षा 1 से 8 तक अपने क्लास में टॉपर थे हाई स्कूल में 88%6 और इंटर में 79.6 प्रतिशत रहा मेरा पहले से ही सपना था कि मै इतिहास बनाऊ और गांव क्षेत्र का नाम रोशन करे। और IIT करू और इतिहास बदला जो आज हमारा सपना साकार हुआ जब हम लो पढ़ाई करते थे तो बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता था,गांव की मिट्टी से होकर कीचर से होते हुए,भूड़कूड़ा पढ़ने के लिए जाया करते थे,रोड खराब होता था साइकिल चला कर जाते थे और आते थे आज भी लोग साइकिल चला कर स्कूल जाते हैं और आज भी रोड का सूरत नहीं बदला है ,वैसे की वैसा ही हैं आज भी लोग कीचड़ से ही होकर स्कूल जाते हैं।

जब हमारे घर वाले हम लोगों को पढ़ाते थे तो पास पडोष के लोग यही बोलते थे कि लड़कियो को पढ़ाने में खेत बेच दिये इससे अच्छा था की बेच कर शादी कर देते,और लड़कियां हैं पढ़ लिख कर क्या करेगी आगे तो इनको चूल्हा चौका ही करना है, हम उन लोगों से कहना चाहते हैं कि लड़कियों का भी सपना होता हैं,पढ़ने की आगे बढ़ने की सपना होता है उनको पढ़ाये बेटों के समान बेटी की भी माने बेटों साथ साथ बेटियों को भी पढ़ाए और आज वे लोग बहुत खुश हैं,हमारे कामयाबी को लेकर आज भी हमें अपने गांव की मिट्टी याद आती है वह पकडंडीया वह मिट्टी की खुशबू, पुराने दोस्त याद आते हैं माता पिता का प्यार नाना का स्नेह भाई बहनों से लड़ाई करना याद आता यह जानकारी टेलीफोन के माध्यम से कविता सिंह ने दी।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!