जर्मन तकनीक से बने पंडाल में मिर्जापुर की जनता को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
विंध्य न्यूज़ ब्यूरो, मिर्जापुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जुलाई को साधारण पंडाल में नहीं, बल्कि जर्मन हैंगर तकनीक से बने पंडाल में मिर्जापुर की जनता को संबोधित करेंगे। दुनिया की सबसे बेहतरीन तकनीक जर्मन हैंगर से बनने वाले एल्युमिनियम के इस पंडाल का दुनिया लोहा मानती है। यह इतना मजबूत होता है कि आंधी-तूफान भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अचानक बारिश हो जाए तो भी कोई समस्या नहीं होगी। इस पंडाल में बारिश की एक भी बूंद नहीं गिरेगी और बिना व्यवधान प्रधानमंत्री पूरा भाषण दे सकेंगे। साथ ही दर्शक व श्रोता भी सुरक्षित रहेंगे। मीरजापुर के चंदईपुर मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मन हैंगर पंडाल में जनसभा को संबोधित करेंगे। मंगलवार से इसके निर्माण का काम हो शुरू हो गया और बुधवार तक पंडाल लगभग बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्य रूप से एल्युमिनियम के मजबूत पिलर के आधार पर खड़ा होने वाला यह टेंट आंधी, बारिश और तूफान में भी सुरक्षित रहता है। इसकी बनावट ऐसी होती है कि इसमें आना और बाहर निकलना बेहद आसान होता है। सुरक्षा की ²ष्टि से भी यह काफी बेहतरीन होता है। इसे बनाने के लिए लखनऊ की टीम मीरजापुर पहुंच चुकी है और अपना काम शुरू कर दिया है। इस पंडाल पर आंधी व बारिश का कोई असर नहीं होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री पूरे समय तक बगैर किसी व्यवधान के अपना भाषण दे सकेंगे। इस दौरान दूरदराज से आए श्रोता भी अपने प्रधानमंत्री को आराम से सुन सकेंगे। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी तेज हो गई है। इसकी डिजाइन अंग्रेजों के जमाने में बनने वाली इमारतों से मिलती-जुलती है। अंग्रेजी अक्षर के हाफ ए के आकार में बनने वाले इस टेंट में वेंटिलेशन का खास ख्याल रखा जाता है। ताकि तेज हवा या तूफान भी चले तो बिना टेंट को क्षति पहुंचाए निकल सके। जमीन में पिलर खड़ा करने के एल्युमिनियम का आधार बनता है, जिसे नटबोल्ट के सहारे कसा जाता है। फिर इस पर एल्युमिनियम के ही मजबूत पिलर खड़े किए जाते हैं और एल्युमिनियम की ही बीम लगाई जाती है। विशेषज्ञों ने बताया कि एल्युमिनियम, लोहे की अपेक्षा हल्का होता है लेकिन मजबूती ज्यादा होती है। जिससे टेंट बनाने, उतारने में आसानी होती है।
पीएम व सीएम की रैलियां इसी टेंट में होंगी
लखनऊ से आई टीम के विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदेश में अब जहां भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बड़ी जनसभाएं होंगी, वहां जर्मन हैंगर टेंट ही लगाया जाएगा। इसमें दो पंडाल बनते हैं। पहला मुख्य पंडाल जिसके एक किनारे मुख्य मंच बनाया जाता है जबकि उसके आधे क्षेत्रफल के बराबर बगल में ही दूसरा पंडाल बनाया जाता है। ऊपर से यह पूरी तरह ढका होता है और बाहर मजबूत बैरिकेडिंग लगाई जाती है।