0 ₹ 12 लाख से अधिक धन किया था अर्जित
मिर्जापुर।
थाना पड़री पर बीते 14 दिसम्बर को सुधाकर मौर्या पुत्र रमांकान्त मौर्या निवासी शिष्टाखुर्द थाना मड़िहान ने नामजद अभियुक्त के विरूद्ध फर्जी तरीके से आईटीआई कालेज में दाखिला व परीक्षा करवाकर शुल्क के रूप में ठगी से धन अर्जित करने के सम्बन्ध में तहरीर दी। इस सम्बन्ध में थाना पड़री पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 504, 506 आईपीसी बनाम राजकुमार सिंह पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।
पुलिस अधीक्षक ‘संतोष कुमार मिश्रा’ द्वारा उपरोक्त प्रकरण को गंभीरता पूर्वक लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में टीम गठित कर आईटीआई हेतु फर्जी दाखिला कराकर पैसो की ठगी करने वाले अभियुक्त की यथाशीघ्र गिरफ्तारी करने हेतु निर्देश दिए गये। निर्देश के अनुक्रम में क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में थाना पड़री पुलिस द्वारा थाना स्थानीय पर पंजीकृत उपरोक्त अभियोग की विवेचना एवं साक्ष्य संकलन करते हुए आज रविवार 18 दिसम्बर 2022 को उनि आशुतोष सिंह मय पुलिस टीम द्वारा प्राप्त मुखबिर की सूचना के आधार पर थाना पड़री क्षेत्र से नामजद अभियुक्त राजकुमार सिंह पुत्र स्व0 दशरथ सिंह निवासी ग्राम टेढ़ा पड़री थाना पड़री को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार सिंह से पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि अभियुक्त राजकुमार सिंह उपरोक्त अजीत कुमार सिंह निजी आई.टी.आई. कालेज में प्रबन्धक के पद पर कार्यरत था, परन्तु सन् 2019 में उक्त आई.टी.आई. कालेज से निकाल दिया गया था। जिसको छिपाते हुए उक्त संस्था में 57 छात्रों से सम्पर्क कर फर्जी प्रवेश दिलाया। उसके बाद परीक्षा के लिए छात्रों का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर उच्च न्यायालय इलहाबाद में रिट किया गया।
रिट के क्रम में 18 मार्च 2022 को संयुक्त निदेशक (प्रशि0/शिक्षु0) विन्ध्यांचल मण्डल की मोहर लगाकर प्रवेश पत्र जारी कर परीक्षा भी करा दिया गया, जबकि अधिकृत संस्था NCBT/SCBC द्वारा पोर्टल पर किसी भी अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र जारी नही किया गया था, क्योंकि उक्त आई.टी.आई. संस्थान में किसी भी छात्र का नामांकन नही किया गया था। अभियुक्त राजकुमार सिंह उपरोक्त द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से 57 छात्रों का संस्था में फर्जी प्रवेश व परीक्षा कराने के नाम पर प्रत्येक छात्र से करीब ₹ 20-25 हजार शुल्क के रूप में लिया गया था।
इस प्रकार करीब ₹ 12 लाख की धनराशि जालसाजी कर वसूली गयी थी। आपराधिक इतिहास देखे तो इनके विरूद्ध धारा 406, 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत थाना गोमती नगर विस्तार कमिश्नरेट लखनऊ मे भी दर्ज है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम मे उनि आशुतोष सिंह थाना पड़री मय पुलिस टीम शामिल रहे।