धर्म संस्कृति

अलग अलग राज्यों के वनवासी समाज के रहन सहन, खान पान, रीति रिवाज, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कर सकेंगे दीदार

0 देशज दिवस का आयोजन 25 को, सुदूर उत्तर पूर्वांचल के विभिन्न प्रान्तों के हजारों बन्धू भागिनी करेंगे प्रतिभाग
चुनार, मिर्जापुर। देशज दिवस का आयोजन 25 दिसम्बर को होगा। अलग राज्यों के वनवासी समाज के रहन सहन, खान पान, रीति रिवाज, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जनपदवासी दीदार कर सकेंगे। देशज इसमें सुदूर उत्तर पूर्वांचल के विभिन्न प्रान्तों के हजारों बन्धू भागिनी प्रतिभाग करेंगे। सुरभि शोध संस्थान श्रीराधा कृष्णा वनवासी छात्रावास रामबाग चुनार द्वारा गोरक्षा मूलक, स्थानीय उद्योग प्रधान, लोक शिक्षण के विविध प्रयोग, प्रशिक्षण व राष्ट्र की आवश्यकता, समाज की अपेक्षा और सांस्कृतिक जगत की  चुनौतियों को ध्यान में रखकर जो प्रकल्प आरम्भ किया है। उनसे गोरक्षा, गोपालन, गो संवर्धन, जैविक कृषि, जैविक खाद उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, कुटीर उद्योग, रोजगार परक शिक्षा, महिला उद्यमिता आदि विषयों पर जनपद के निकटवर्ती क्षेत्रों में सम्मिलित विकास के प्रयोग कर संस्थान कर्तव्य के प्रति जागृति पैदा करने के साथ साथ आम आदमी को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा एवं चिकित्सा आदि सुलभ कराने का सफल उपक्रम किया है। संस्थान ग्रामीण एवं वनवासी क्षेत्र के छात्र छात्राओं के लिए विद्यालयों में छात्रावास का एक शंकुल नगर स्थित रामबाग मे एक प्रमुख केन्द्र है।  वुद्धवार को रामबाग स्थित मंगल भवन मे पत्रकार वार्ता के दौरान देशज कार्यक्रम के संयोजक हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि देश के बड़े भूभाग पर लगभग 12 करोड़ बनवासी समाज रहता है। इनकी संस्कृति, रहन सहन, रीति रिवाज, समरसता, शौर्य, वीरता एवं अर्थव्यवस्था का अपना इतिहास है। भौतिक विकास की दौड़ में वनवासी समाज की संस्कृति का क्षरण निरंतर हो रहा है। इनकी संस्कृति परम्परा, रहन सहन, रीति रिवाज, समरसता, शौर्य एवं अर्थव्यवस्था अक्षुण रहे। इस बात को ध्यान में रखकर दिसम्बर माह के आखिरी रविवार को देशज दिवस संस्थान के छात्र छात्राओं, पूर्व के छात्रों व वनवासी समाज को जोडकर यह उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में अलग अलग राज्यों के वनवासी समाज के रहन सहन, खान पान, रीति रिवाज, सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रदर्शन के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है और नगर में 24 दिसम्बर को शोभायात्रा निकाली जाएगी। कार्यक्रम में सुदूर उत्तर पूर्वांचल के विभिन्न प्रान्तों के हजारों बन्धू भागिनी भाग लेगें इसके अलावा सोनभद्र जनपद के करमा, डोमकक्ष, शैला नृत्य की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम का उदघाटन 25 दिसम्बर को 11 बजे नगर स्थित रामबाग में होगा। इस दौरान जटाशंकर, दीपक सिंह, अमित चतुर्वेदी, नागेन्द्र पाण्डेय, श्रुति भूषण मिश्र आदि मौजूद रहे।

 

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