राजगढ़, मिर्जापुर।
नव वर्ष का प्रथम दिन धार्मिक आस्थाओं पर चोट पहुंचाता हुआ साबित हुआ। युवाओं द्वारा धार्मिक स्थल पर जमकर शराब का सेवन किया। राजगढ़ क्षेत्र के राजगढ़ चुनार मार्ग के बीच में प्रक्रृति के बीच में बसा सिद्धनाथ की दरी अपनी महत्ता, मनोरम स्थल एवं पर्यटक के लिए विख्यात हो चुका है। सिद्धनाथ की दरी पर तपस्वी बाबा सिद्धनाथ से जुड़े तमाम यादें मौजूद है। सबसे ज्यादा यहां पर लोग धार्मिक भावनाओं के चलते यहां आते हैं एवं बाबा सिद्ध नाथ की खड़ाऊ का दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन इधर कई वर्षों से सिद्धनाथ की दरी पर अपनी संस्कृति, सभ्यता से बेजान लोग आकर पर्यावरण एवं संस्कृति का काफी नुकसान कर रहे हैं।
नव वर्ष के पहले दिन घने कोहरे की बावजूद लगभग कई हजार गाड़ियों से पर्यटक पहुंचे। नदी में पानी का एक बूंद भी नहीं दिखाई पड़ा। जिससे पर्यटक मन मसोस कर रह गए। वहीं पर सिद्धनाथ की दरी में कचरा, प्लास्टिक दोना, पत्तल का ढेर लगा हुआ है ।जिससे कई पर्यटक नाराज भी दिखे। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन मौजूद रहा इसके बावजूद भी लोक गायिकाओं की धुन पर लोग शराब परोसते हुए दिखे। प्रशासन इन्हें रोक पाने में नाकाम साबित हुआ। स्थानीय चुनार वन रेंज द्वारा सिद्धनाथ की धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के प्रवेश पर शुल्क लिया जाता है ।लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं दिखाई पड़ता।
मुख्य मार्ग से प्रवेश करते ही गिट्टी की सड़कें एवं तथा महिलाओं के नहाने के बाद वस्त्र बदलने के लिए कोई स्थान नहीं है। जिससे महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। हजारों गाड़ियों का काफिला यहां पर पहुंचता है। लेकिन पार्किंग के नाम पर सिर्फ पहाड़ी मार्ग है यहां पर कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल भी होते रहते हैं तथा बच्चों। महिलाओं एवं बुजुर्गों के लिए यह रास्ता काफी खतरनाक हो चुका है।
प्रशासन द्वारा कई जगह पर पत्थरों पर चेतावनी भी लिखा गया है। लेकिन इसकी कोई परवाह नहीं करता है। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी चुनार मंजरी राव से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप के माध्यम से यह सूचना मिली है। उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।