धर्म संस्कृति

श्री राम महायज्ञ में रामकथा का रसपान कर श्रोता हुए भाव विभोर

ड्रमंडगंज, मिर्जापुर।

क्षेत्र के मड़वा धनावल गांव स्थित चंलगा देवी पहाड़ के नीचे बगीचे में चल रहे अम्बरीष दास जी महाराज के नेतृत्व में विश्व कल्याण और गौ रक्षा के लिए आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के सातवें दिन मंगलवार को विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन किया। दोपहर बाद राम नारायण दास जी महाराज ने भक्तों को रामकथा में राम वनवास का मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए रस पान कराया। कथावाचक रामनारायण दास जी महाराज ने कहा कि राम नाम का सुमिरन करने से मनुष्य इस भवसागर से पार हो जाता है। श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने से व्यक्ति स्वयं पूजनीय हो जाता है।

श्रीराम नाम का सुमिरन और श्रवण करने से मनुष्य के जीवन से पाप कटने लगते हैं।कहा कि अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक टिक नही पाता है। धर्म परायण व्यक्ति की मदद के लिए भगवान हमेशा तत्पर रहते हैं। कथावाचक ने कहा कि ब्राह्मण और गौ का कभी भी अनादर नही करना चाहिए गौ और ब्राह्मण हमेशा पूजनीय है।गौ सेवा ईश्वर की सेवा है सभी को गौ पालन कर गौ माता की सेवा करनी चाहिए।

पृथ्वी पर जब भी अत्याचार बढ़ता है तब भगवान असुरों का संहार करने के लिए अवतरित होते हैं। इस दौरान श्रोताओं ने यज्ञ स्थल की प्रदक्षिणा कर सुख शांति की कामना की। इस अवसर पर सुरेन्द्र बहादुर सिंह, आनंद नाथ मिश्र, दामोदर सिंह, ग्राम प्रधान रमेश सिंह,तेजबली दुबे, शिव दत्त दुबे, एडवोकेट दिलीप कुमार दुबे, प्रतीक सिंह, घनश्याम श्रीवास्तव, समाजसेवी सत्येन्द्र कुमार दुबे, राकेश तिवारी, संजय शुक्ला, छोटे लाल सिंह, संदीप कुमार मिश्र आदि मौजूद रहे।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!