धर्म संस्कृति

परमात्मा शिव को साजन स्वीकार कर 9 कन्याएं बनी शिव की अर्धांगिनी, परमात्मा शिव को अर्पित किया अपना जीवन

● 9 कन्याओं की अनोखी दिव्य जीवन यात्रा का साक्षी बना मीरजापुर

● भौतिकता से दूर, आध्यात्मिक जीवन द्वारा सामाजिक परिवर्तन लाना है लक्ष्य

● नागपुर के कलाकार ब्र.कु. अविनाश ने बांधी सुरों की शमा

● ब्रह्माकुमारीज़ की अति0 मुख्य प्रशासिका ब्र.कु. जयंती दीदी एवं क्षेत्रीय निदेशिका सुरेन्द्र दीदी के पावन सानिध्य में कन्याओं ने लिया संकल्प

● संस्था से जुड़े उत्तर प्रदेश एवं नेपाल के हजारों लोग रहे शामिल

●  कन्याओं की सुंदर प्रस्तुति ने नयी ऊर्जा का किया संचार

मिर्जापुर।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीरजापुर शाखा द्वारा श्रीकृष्णा टावर मैदान में प्रभु समर्पण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब्र.कु. जयंती दीदी एवं क्षेत्रीय निदेशिका ब्र.कु. सुरेन्द्र दीदी के पावन सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में 9 कन्याओं ने अपना जीवन भौतिकता की चकाचौंध से दूर आध्यात्मिक सेवाओं हेतु अर्पित किया। परमात्मा शिव को जीवन साथी स्वीकार कर शिव की अर्धागिनी बनने वाली कन्याओं के समर्पण का दृश्य मीरजापुर के इतिहास में अनोखा एवं अभिनव रहा।

परमात्मा शिव को सच्चा जीवन साथी स्वीकार कर अपना जीवन अर्पित करने वाली मीरजापुर की यह कन्यायें देश और समाज के लिए गौरव हैं। वर्तमान भौतिकता की अंधी दौड़ में आध्यात्मिकता का अनुसरण कर त्याग, तपस्या और सेवा में जीवन अर्पण करने हेतु संकल्पित होना एक चुनौति है। लेकिन धन्य हैं यह कन्यायें, जिन्होंने ऐसा साहसी कदम उठाते हुए अपन आपको शिव पर अर्पित किया है।

उक्त कथन है संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका ब. कु. जयंती दीदी का। वे बुधवार को श्रीकृष्ण वाटिका में आयोजित प्रभु समर्पण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उक्त अवसर पर संस्था की क्षेत्रीय निदेशिका ब्र.कु. सुरेन्द्र दीदी ने कन्याओं को समाज के लिए एक मिसाल बताते हुए कहा कि वास्तव में यही वो कन्याय हैं, जो अपने कुल का उद्धार करेगी। विकारों और बुराईयों स भरी इस दुनिया में स्वयं को कमल पुष्प समान निर्लिप्त रखने वाली कन्याय ही खुद और अपने कुल का कल्याण कर सकती हैं। क्षेत्रीय उप निदेशिका ब्र.कु. परिणीता दीदी ने बहनों का आत्मबल बढाते हुए उन्हें अपने प्रतिज्ञा में अडिग और अटल रहने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम मे संस्था के क्षेत्रीय प्रबंधकर ब्र.कु. दीपेन्द्र ने शिव की अर्धागिंनी शिव शक्ति बनने का प्रण लेने वाली कन्याओं को उनके सफल और सुखद आध्यात्मिक जीवन यात्रा के लिए शुभाशीष दी। उड़ीसा से आए हुए संस्था के स्टेट कोआर्डिनेटर एवं आर्किटेक्ट ब्र.कु. नाथमल ने बहनो का उत्साहवर्द्धन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

संस्था के मुख्यालय से आए हुए मीडिया एवं पीआर प्रभारी ब्र.कु. कोमल ने समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश करने के लिए बहनों को बधाई दी। कार्यक्रम में नेपाल से आए हुए संस्था के महासचिव ब्र.कु. शैलेष, मुख्यालय के ब्र.कु. श्रीराम, ब्र.कु. विनोद, वरिष्ठ राजयोगी ब्र.कु. मोहन, ब्र.कु. पंकज आदि ने भी शुभकामनाएं दी। दीप प्रज्जवलन द्वारा आरम्भ हुए कार्यक्रम में जहाँ एक ओर बहनों ने परमात्मा शिव के प्रतीक शिवलिगं को अपने वर के रूप में स्वीकारते हुए वरमाला पहनाया, वहीं सात वचन लेकर स्वयं के दिव्य जीवन की प्रतिज्ञा ली।

कार्यक्रम से पूर्व 9 कन्याओं को सुसज्जित रथ में बिठाकर शहर भ्रमण कराया गया। सुंदर रथ में सुसज्जित कन्यायें चैतन्य देवियाँ सी प्रतीत हो रही थीं। वास्तव में धन्य हैं, ऐसी कन्यायें जो वर्तमान भौतिकता और विलासीता पूर्ण जीवन की ओर भागते हुए युवाओं के बीच आध्यात्मिक शक्ति और दिव्य जीवन की प्रतिविम्ब बनकर युवाओं नयी दिशा दिखा रही हैं।

संस्था की स्थानीय संचालिका एवं कार्यक्रम संयोजिका ब्र.कु. बिन्दू दीदी ने कन्याओं के दिव्य जीवन की चमकती आभा और पवित्रता को सदा कायम रखने के लिए प्रेरित करते हुए भारत एवं नेपाल के विभिन्न शहरों से आए संस्था के सदस्यों के प्रति आभार जताया।

कार्यक्रम का संचालन विन्ध्याचल के ब्र.कु. प्रदीप मिश्रा ने तो धन्यवाद ज्ञापन ब्र.कु. बहन ने किया। संस्था की ब्रह्माकुमारी बहनें दिव्या, नेहा, दिव्यानी के साथ इरम्. परवीन, एंजेल, अनिका, सान्वी, दीपशिखा, उमरा, अनन्या, मैनी, अफिफा सुंदर नृत्य कुमारी रश्मि, शिवानी, अंजली, मीनाक्षी, हर्षिता, वंशिका के साथ अग्रिका, आयुषी, रिद्धी, सौम्या, आरूही, यश्वनी आदि ने नृत्य नाटिका पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया।

उक्त अवसर पर संस्था की वरिष्ठ बहनें ब्र.कु. गीता, बस्ती, ब्र.कु. सोमा, ब्र.कु. रंजना, ब्र कु. विमला, ब्र.कु. कमला, ब्र.कु. दुर्गा, ब्र.कु. सावित्री आदि की विशेष उपस्थिति रही।

प्रभु समर्पण करने वाली यह रही 9 कन्यायें 

ब्र.कु. राजकन्या, ब्र.कु. किरन, ब्र.कु. रूपाली, ब्र.कु. अनिता, ब्र.कु. शीला, ब्र.कु. कंचन, ब्र.कु. आरती, ब्र.कु नीति, ब्र.क, महिमा

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