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पनघट गागर सून, घर-घर पानी आ रहा करके टेलीफोन

चुनार, मिर्ज़ापुर।

22 मार्च विश्व जल दिवस के अवसर पर नगर स्थित एक मैरिज लॉन में विश्व जल दिवस पर कार्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ  मेजर कृपा शंकर सिंह द्वारा भारत मां की मूर्ति पर , माल्यार्पण, व गंगा आरती  कर के किया गया। इस दौरान एलइडी स्क्रीन पर जल बचाओ के बारे में दिखाया गया।

तत्पश्चात कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ कवि राजेन्द्र मिश्र ‘ज्योति’ने‌ सरस्वती वंदना से किया। कैसा समय आ गया पनघट गागर सुन घर-घर पानी आ रहा करके टेलीफोन, अनवर अली अनवर, बोतल का पानी गंगा तट के लोग, अमृत को विश कर दिए कैसा है संयोग, अंबिका गुप्ता, पानी ही जिंदगी है बूंद बूंद पानी को बचाएं, बंद करो अपने-अपने नलो की टोटी, वरना रह जाओगे प्यासे नहीं बचेगी जीवन की ज्योति, जयप्रकाश, जल जीवन अनमोल सकारात्मक जगाना होगा, आंदोलन का रूप बनाकर मुख्य रूप से आना होगा, सुरेंद्र मिश्र अंकुर, पानी बिन जिंदगी नहीं मर्यादा इसकी बची ही होगी, आने वाला है बड़ा जल संकट सुहानी बात बतानी होगी, संचालन सुरेंद्र मिश्र अंकुर,ने किया।

इस दौरान अखिलेश पांडे ,  डॉ श्रीप्रकाश श्रीवास्तव, आदित्य पदयात्री, मोहन कुमार वर्मा, नंदकिशोर तिवारी, ब्रम्हाकुमारी तारा बहन, माला बहन, प्रमोद सिंह, अशोक सिंह कुशवाहा, आदि सहित तमाम श्रोता गण मौजूद रहे। कार्यक्रम आयोजक अफसर अली अफसर ने धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य पानी की कमी  और अनावश्यक उपयोग के कारण बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते औद्योगिकी करण के कारण पानी की खपत बढ़ रही है पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

जीव जन्तु हो या मनुष्य पानी सभी के लिए जरुरी है, परन्त आज जिस तरह से शुद्ध जल का संकट पृथ्वी पर मंडरा रहा है ऐसे मे मनुष्यों का अस्तित्व भी खतरें मे पडने की पूर्ण संभावना है!स्वच्छ जल संरक्षण करने के उद्देश्य से  विश्व जल दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। गिरते हुए बहते हुए पानी को बचाना होगा और लोगों तक इस बात को पहुंचाना होगा कि हम सब कम से कम पानी को यूज़ करें पानी है तो कल है।

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