0 एक मिर्जापुर और दूसरा जौनपुर का निवासी
विन्ध्य न्यूज ब्यूरो, जौनपुर/मिर्जापुर।
समायोजन निरस्त होने से अवसाद ग्रस्त दो और शिक्षामित्रो की मौत की खबर है। उत्तर प्रदेश मे अब तक लगभग सात सौ शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन निरस्त होने के चलते या तो आत्महत्या कर अथवा अवसाद ग्रस्त होने के चलते अपने परिवार और परिजन को छोड़कर जिंदगी को मौत मे बदल लिया। इसी क्रम मे दो और शिक्षा मित्र अवसाद के चलते मृत्यु को प्राप्त हो गये। एक मिर्जापुर और दूसरा जौनपुर का निवासी बताया गया है।
पहली घटना जौनपुर के चंदवक थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ गांव की है जहा के निवासी शिक्षामित्र ऋषि नंदन 35 वर्ष की आर्थिक तंगी के चलते सोमवार को दोपहर में मौत हो गई । जानकारी के अनुसार ऋषि नंदन घुड़दौड़ प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के पद पर कार्यरत था। सरकार द्वारा फैसले को लेकर पिछले कई वर्षों से तनाव में चल रहा था। इसके साथ ही उसका समायोजन भी नहीं हुआ था। बता दें कि कुछ समय पूर्व तनाव के चलते उसको वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एडमिट कराया गया था, जहां पर पता चला कि उसके दिमाग में पानी हो गया है । जिसका इलाज वहां से चल रहा था लेकिन पैसे की तंगी की वजह से वह अपना इलाज आगे नहीं चला पाया और घर चला आया । घर आने के बाद बीमारी दिनों दिन बढ़ती गई और सोमवार की दोपहर वह बीमारी की चपेट में आकर मौत के आगोश में सो गया। बता दें कि ऋषि नंदन के 3 लड़के हैं, एक लड़का कक्षा आठवीं में दूसरा कक्षा छठवीं में तथा तीसरा लड़का कक्षा तीन में पढ़ता है । साथ ही यह भी बता दें कि यह तीनों बच्चे उसी के विद्यालय में पढ़ते हैं, उसके विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय के साथ-साथ उच्च प्राथमिक विद्यालय भी स्थित है । घरवालों का कहना है कि ऋषि नंदन इकलौता जीविकोपार्जन का माध्यम था । अब पूरे परिवार पर जीविकोपार्जन का संकट गहरा गया है। पूरे परिवार व बच्चों सहित पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है।
वही रविवार को देर रात रामपाल नामाक शिक्षा मित्र का अवसाद के कारण आकस्मिक निधन हो गया। वह प्रा०वि० निकरिका, ब्लाक राजगढ, जनपद मीरजापुर मे शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। राजगढ ब्लाक के सभी शिक्षामित्र दिनांक 14/08/2018 को समय 2 बजे दोपहर को बी आर सी राजगढ पर मौन सभा करके मृत आत्मा को शान्ति प्रदान करने का कार्य करेगे। यह जानकारी दिलीप कुमार सिहं और राजकुमार सिहं ने दी है।