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कुशल सर्जन ही नही, जनसरोकार के लिए सदैव तत्पर रहे स्व.डॉ.डी.डी. त्रिपाठी: डॉ नीरज त्रिपाठी

0 43 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विंध्यवासिनी महाविद्यालय में  सभा कर दी गयी श्रद्धांजलि
मिर्जापुर।

स्थानीय विंध्यवासिनी महाविद्यालय में गुरुवार को स्व.डॉ.डी.डी. त्रिपाठी की 43 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महाविद्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के अध्यक्ष एवं स्व.डॉ.डी.डी.त्रिपाठी के ज्येष्ठ पुत्र डॉ नीरज त्रिपाठी सहित महाविद्यालय परिवार के प्रत्येक सदस्य ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

डॉ नीरज त्रिपाठी ने इस अवसर पर स्व.डॉ.डी. डी. त्रिपाठी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और बताया कि वो न केवल एक कुशल सर्जन ही थे, बल्कि एक ऐसी महान आत्मा थे जो सदैव सभी की मदद के लिए तत्पर रहते थे। दिन हो या रात किसी भी मरीज को निराश होकर नहीं जाने देते थे। उन्होंने चिकित्सा को कभी भी व्यवसाय नहीं माना और सदैव इस बात पर बल दिया कि ये मानव सेवा का एक माध्यम है।

अपने पिता का आज स्मरण करते हुए वो कई बार भावुक भी हो गए। उन्होंने अपने पिता को अपना आदर्श बताया और कहा कि उन्हीं की स्मृति में डी. डी. मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की गई है, जिसके अन्तर्गत जिले में  इसी नाम से एक अस्पताल और विंध्यवासिनी महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार सेठी ने भी स्व. डी.डी. त्रिपाठी की जीवनी पर प्रकाश डाला और जिले में उनके योगदान को याद किया। श्रद्धांजलि सभा में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी सहित महाविद्यालय के कोषाध्यक्ष श्री यशवीर राय, सामाजिक कार्यकर्ता पंडित शुभम मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

 

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