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वन में जब बेचैन पपीहा गाने लगता है, जाने क्यों तब मेरा मन घबराने लगता है: डॉ. रंजना राय

अहरौरा, मिर्जापुर।

स्थित बैरमपुर में वृक्षोपल्ली सेवा आश्रम के बरईपुर की शाखा के प्रांगण में शनिवार देर शाम एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का आयोजन कविता गांव में एवं कला निधान संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई। वाराणसी की डॉक्टर रंजना राय ने ‘वन में जब बेचैन पपीहा गाने लगता है। जाने क्यों तब मेरा मन घबराने लगता है’ के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत रामानंद महाराज एवं संचालन ओज कवि प्रकाश मिर्जापुरी ने किया। प्रकाश मिर्जापुरी ने ‘ रैन बीती जाग राही, जाग राही, जाग’ सुनाया। गीतकार उमेश चन्द्र द्विवेदी ने’ कभी मजलूम लोगों को सताना है नहीं अच्छा।

ज़माने से खुदा खुद को बताना है नहीं अच्छा’ ने सुनाया। इसके बाद वाराणसी के नितेश राय उर्फ हैप्पी ने ” धर्म रथ आदि काल से चला है भारत का, जब तक सृष्टि है न कोई रोक पायेगा’ काव्य पाठ किया साथ ही कवि सम्मेलन को अनंत ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस मौके पर रामानंद जी महाराज, महादेव, आलोक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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