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देश भर के कार्मिकों ने अपने कार्यस्थलो पर लगाए पेंशन के नाम पर पौधे: बी पी सिंह रावत

 

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मिर्जापुर।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के द्धारा हर साल की तरह इस साल भी 12 जुलाई को पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाली के नाम वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज के कार्यक्रम में  दिन भर भंयकर बारिश के बाबजूद भी एनपीएस कार्मिकों ने लगाए पौधे जिसमे एनपीएस कार्मिकों के द्धारा पुरानी पेंशन बहाली के नारे भी लगाए गए। मोदी जी पुरानी पेंशन बहाल करो बी पी सिंह रावत ने कहा है कि  देश के 85 लाख एनपीएस कार्मिक अपने बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन बहाली के नाम अपने संस्थान, कार्यालय स्कूल कालेज अपने गांव जहां भी जिसको जगह मिली सभी ने पेड़ लगा कर पर्यावरण संरक्षण का बड़ा संदेश दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक पेड़ लगाने का संदेश पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए जन हित देश हित में एक बहु उपयोगी साबित होगा। विगत कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली मांग की आवाज जन जन तक पहुंचाने का ये एक बड़ा प्रयास है। बी पी सिंह रावत ने कहा है कि देश के एनपीएस कार्मिक सिर्फ सड़को पर हल्ला मचाकर अपनी आवाज बुलंद नही करते, बल्कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा देशहित में अनेकों रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता और सरकार का ध्यान अपनी मांग पुरानी पेंशन बहाली के लिए समय समय पर आकर्षित  करता रहता है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि विगत तीन वर्षो से एनपीएस कर्मचारी शिक्षक अधिकारी डाक्टर नर्स स्वास्थ्य कर्मी सफाई कर्मी बैंक कर्मी पुलिस कर्मी रेलवे कर्मी सभी अपने परिवार जनों के साथ  12 जुलाई को एक पेड़ पुरानी पेंशन बहाली के नाम लगाकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास करते आ रहे है।   बी पी सिंह रावत ने कहा है कि इस कार्यक्रम में वन विभाग का पूरा सहयोग मिलता है, जिसमे देश की जनता भी कार्मिकों के इस प्रयास की सरहाना करती है। बी पी सिंह रावत ने कहा है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी कार्मिक संगठनो से सहयोग किया जिसमे विशेष रूप से राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान और उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने विशेष सहयोग किया। साथ ही संजय शर्मा, बीरेंद्र दूबे, डॉ अनिल स्वदेशी, विक्रम सिंह रावत, सीताराम पोखरियाल, अंकुर त्रिपाठी, डॉ आलोक यादव, विमलेश अग्रहरि, फारुख अहमद तातरे, राजेश शर्मा, अछूतन्नद हजारिका, चतुर सिंह, एस किशोर पटनायक आदि मुख्य रूप से सहयोग किये।

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