चुनार, मिर्जापुर।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह महोत्सव का शुभारंभ प्राचार्य डाॅ पी0 एन0 डोगरे व मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरविंद मिश्रा संस्कृत विभाग प्रभारी के0बी0पी0जी0 कालेज मीरजापुर ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। तत्पश्चात महाविद्यालय की छात्राएओ द्वारा कुलगीत प्रस्तुत किया गया। बाद संस्कृत विभाग के प्रभारी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत भाषण एवं विषय परिवर्तन किया।
डॉ सिंह ने बताया कि संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम 31 अगस्त 2023 तक चलेगा इस सप्ताह के अंतर्गत संगोष्ठी, संस्कृत निबंध प्रतियोगिता श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता संस्कृत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता संस्कृत गीत प्रतियोगिता संस्कृत भाषण प्रतियोगिता एवं प्रसार व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार हेतु संस्कृत सप्ताह का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिससे कि छात्र छात्राओं तथा लोगों में संस्कृत के प्रति जागरूकता बढ़े और संस्कृत के महत्व को जान सके। सावन मास के पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
इस अवसर पर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कृत का महत्व विषयक आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरविन्द मिश्र ने कहा कि संस्कृत साहित्य मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के मार्ग को प्रशस्त करता है। वैदिक ऋषियों द्वारा बताए गए मार्ग आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितना की प्राचीन काल में थे। संस्कृत भाषा कंप्यूटर के लिए आज सर्वाधिक उपयुक्त भाषा है इसीलिए वैज्ञानिक भी संस्कृत की ओर अपना रुख कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि संस्कृत भाषा बोलचाल की दृष्टि से सर्वाधिक शुद्ध भाषा है। संस्कृत के श्लोक तथा स्तोत्र का उच्चारण करने मात्र से व्यक्ति की बोली की हकलाहट स्वयं में दूर हो जाती है, इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में संस्कृत को आत्मसात करना चाहिए। संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है, इसका साहित्य मानव के कल्याण की ओर ले जाता है। संस्कृत के रामायण महाभारत पुराण वेद वेदांग साहित्य हमारी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को सुदृढ़ करते हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर माधवी शुक्ला ने कहा कि संस्कृत में वर्णित नीति के श्लोक व्यक्ति को नैतिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। गीता में बताए गए ज्ञान कर्म उपासना के मार्ग व्यक्ति का उद्धार करने में महत्वपूर्ण सहयोग करते हैं। बीए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा प्रीति यादव ने संस्कृत गीत तथा सुमन यादव प्रतीक्षा यादव एवं प्रीति यादव ने सामूहिक रूप से संस्कृत में कजरी गीत प्रस्तुत किया। संगोष्ठी का संचालन डॉ प्रभात कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेश कुमार दुबे मुख्य शास्ता ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर सूबेदार यादव, डॉक्टर कुसुम लता, डॉक्टर अरुणेश कुमार, डॉक्टर गुरु प्रसाद, डॉक्टर लता, कुर्बान अली, संतोष कुमार, धर्मचंद आदि उपस्थित रहे।