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अहरौरा की रामलीला मे शिव धनुष टुटते ही सियावर रामचंद्र की जय से गूंज उठा पांडाल

 

फोटोसहित (12)

अहरौरा, मिर्जापुर।

चौक बाजार स्थित शिव मंदिर पर चल रहे श्री बाल रामलीला में धनुष यज्ञ और परशुराम लक्ष्मण संवाद का प्रभावी मंचन किया गया। राजा जनक ने पुत्री सीता का भव्य स्वयंवर आयोजित किया। तमाम राजकुमारों ने स्वयंवर में आकर सीता से विवाह करने के लिए धनुष तोड़ने का प्रयास किया। कोई शिवजी के भारी भरकम धनुष को हिला भी नहीं सका। इतने में जनक ही द्रवित हो उठे और कहने लगे कि लगा रहा है पृथ्वी वीरों से खाली हो गया है। यह बात सुनकर लक्ष्मण जी क्रोधित हो जाते है और पल भर में प्रभु श्री राम द्वारा धनुष को तोड़ने की बात कहते हैं। विश्वामित्र से आज्ञा लेकर प्रभु श्री राम धनुष पर प्रत्यंचा खींचते और धनुष खंडित हो जाता हैं। इसके बाद प्रभु श्री राम को माता सीता वरमाला पहनाती है। लीला देख रहे भक्त जनों द्धारा पुष्प वर्षा की जाती है। सियावर रामचंद्र की जय के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठता है। इसके बाद परशुराम जी क्रोधित होकर आते हैं और धनुष तोड़ने को लेकर लक्ष्मण जी से उनका संवाद होता है। इससे पूर्व रावण और बाणासुर के संवाद का जोरदार मंचन होता है। इस दौरान  व्यास शिरिष चंद्र, अध्यक्ष कुमार आनंद, कामेश्वर, अश्वनी विकास, सक्षम, आकाश, सोनू, सतीश, रौनक, धीरज, मोदनवाल, किशन, पुण्य, देव सहित अन्य रहें।

 

इनसेट मे…

राम वन गमन की लीला का हुआ मंचन

हलिया, मिर्जापुर।

क्षेत्र के पिपरा पुरानी बाजार में आदर्श रामलीला कमेटी के तत्वावधान व कोटा शिव प्रताप सिंह रामलीला मैदान में चल रही 15 दिवसीय रामलीला के सातवें दिन राम वन गमन का मंचन किया गया। कलाकारो ने दिखाया कि राजा दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे, जिसमें एक में राम को चौदह वर्षों का वनवास और दूसरे में भरत को राजगद्दी। राजा दशरथ कैकेयी को बहुत मनाते हैं, मगर कैकेयी नहीं मानतीं। जब श्रीराम को पता चलता है कि माता कैकेई ने भरत के लिए राज्य अभिषेक और उनके लिए 14 वर्ष का वनवास मागती है। कैकेई दशरथ को याद दिलाती है कि आखेट के दौरान रथ का एक पहिया निकल जाने पर अपनी उंगली से रोक लिया। इस दौरान राजा दशरथ ने खुश होकर उसे दो वर देने का को कहा था। इस दोनों वरदान की याद दिलाती हुई राम को 14 वर्ष का वनवास तथा दूसरा भरत के लिए राजगद्दी मांग लिया। इसके बाद तीनों सन्यासी की वेशभूषा में राजा दशरथ एवं तीनों रानियों से आज्ञा लेकर वन के लिए प्रस्थान करते है। रामलीला मंचन के दौरान व्यास के रूप में राममिलन पांडेय प्रिंस सिंह, ओकार नाथ पांडेय, कमलेश कुमार मिश्रा आदि ने रोल किया।

 

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