विन्ध्याचल मण्डल: मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही

आयुक्त चकबन्दी एवं अपर आयुक्त ने विन्ध्याचल मण्डल के तीनो जनपदो के चकबन्दी प्रक्रिया की बैठक कर की समीक्षा

मीरजापुर।

जी0एस0 नवीन कुमार, चकबन्दी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार आज दिनांक 20 अक्टूबर 2023 को अपर आयुक्त चकबन्दी, श्री अनुराग पटेल द्वारा विन्ध्याचल मण्डल के जनपद मीरजापुर सोनभद्र तथा भदोही की चकबन्दी प्रक्रिया की समीक्षा जनपद मीरजापुर में की गयी, जिसमें तीनों जनपद के चकबन्दी अधिकारी स्तर तक अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। 10 वर्ष से अधिक समय से चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत लम्बित ग्रामों एवं वादों का गहन समीक्षा किया गया।

समीक्षा में पाया गया कि जनपद मीरजापुर तहसील सदर परगना कंतित के ग्राम गौरा की चकबन्दी प्रक्रिया 50 वर्ष से भी अधिक समय से लम्बित है, बताया गया कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से प्रभावित होने के कारण चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पा रही है। निर्देश दिये गये के स्थगन निरस्तीकरण के लिए प्रभावी पैरवी किया जाय अथवा उच्च न्यायालय के अन्तरिम आदेश का अनुपालन कराते हुए अन्तिम आदेश के अध्याधीन ग्राम का कार्य इस वित्तीय वर्ष में प्रत्येक दशा पूर्ण करा लिया जाय।

इसी प्रकार ग्राम 25 वर्ष से अधिक समय से चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत चल रहे शेष 05 ग्रामों का भी चकबन्दी प्रक्रिया इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया जाय। जनपद सोनभद्र के दो ग्राम सुकृत व भैंसवार इनमें चकबन्दी प्रक्रिया 25 वर्ष से अधिक समय से भी चल रही है, जो अब तक पूर्ण नहीं हुई है। बताया गया कि इस ग्राम का चकबन्दी प्रक्रिया इस वर्ष पूर्ण कर लिया जायेगा। समीक्षा में पाया गया कि बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी का परिवेक्षण अत्यन्त शिथिल है। इसी प्रकार ग्राम भैंसवार में चकबन्दी प्रक्रिया 25 वर्ष से अधिक समय से प्रचलित है। बताया गया कि इस ग्राम का पुष्टिकरण इसी वित्तीय वर्ष में अवश्य कर ली जाएगी। जनपद भदोही में कोई भी ग्राम चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत नहीं है। मात्र 30 निगरानी 86 अपील तथा 14 आपत्तियाँ विचाराधीन है। इस जनपद में तैनात अतिरिक्त अधिकारी/कर्मचारी को अन्यत्र जनपद में सम्बद्ध किया जाय अथवा स्थानान्तरित कर दिया जाय। अधिकारीवार वादों की समीक्षा की गयी, जिसमें पाया गया कि श्री विजय कुमार चैरसिया, चकबन्दी अधिकारी, मीरजापुर द्वारा 06 माह में केवल 221 आपत्तियों का निस्तारण किया गया है जबकि मानक के अनुसार 1200 आपत्तियों निस्तारित किया जाना चाहिए था।

इस प्रकार इनके द्वारा 18.04 प्रतिशत वादों का निस्तारण किया गया है, जो असन्तोषजनक है तथा कार्य के प्रति उनकी लापरवाही प्रदर्शित करता है। उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करने की संस्तुति की गयी। श्री निखिल यादव, उप जिलाधिकारी, सदर/बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, सोनभद्र के द्वारा तीन माह में मात्र 06 अपीलों का निस्तारण किया गया है जबकि मानक के अनुसार इन्हें 125 अपीलों का निस्तारण करना चाहिए था। इस प्रकार उनके निस्तारण का प्रतिशत 4.8 है, जो आपत्तिजनक है। साथ ही शिकायतों के निस्ताण में विलम्ब के लिए उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी करने की संस्तुति की गई। श्री अतुल प्रकाश यादव, चकबन्दी अधिकारी, मीरजापुर श्री सुभाष चन्द्र यादव, उप संचालक चकबन्दी सोनभद्र, श्री भान सिंह, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, भदोही को वादों का मानक से अत्यधिक कम निस्तारण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए साथ ही श्री गिरीश प्रसाद चकबन्दी अधिकारी मीरजापुर को पुराने वादों के निस्तारण में रूचि न लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।

राम प्रवेश प्रताप सिंह, चकबन्दी अधिकारी, सोनभद्र द्वारा मानक से अत्यधिक कम वादों के निस्तारण के लिए उनके विरुद्ध नियम 10 (2) के अन्तर्गत कार्यवाही की संस्तुति की गई। शासन के निर्देशानुसार आई0जी0आर0एस0 की शिकायतों का समयबद्ध ढंग से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने तथा चकबन्दी आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार ग्राम चकबन्दी अदालत आयोजित कर अधिक से अधिक वादों का ग्राम में ही निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। 10 वर्ष से पुराने ग्रामों की चकबन्दी प्रक्रिया अधीनस्थ स्टाफ पर कठोर नियंत्रण करते हुए शीघ्र पूर्ण कराने तथा 10 वर्ष से अधिक समय से लम्बित वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए।

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