0डीएम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया चेतावनी
0 नपाध्यक्ष व उनके सभासदों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध धारा 188 एवं अन्य धाराओ के अंतर्गत हो सकती है दण्डात्मक कार्यवाही
11 फरवरी को अध्यक्ष नगर पालिका परिषद व उनके सभासदो द्वारा जिलाधिकारी के विरूद्ध कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगों के सम्बन्ध में धरना-प्रदर्शन करने के निर्णय को स्थगित करना पड़ सकता है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने प्रेस विग्यप्ति जारी कर कई तथ्यों से मीडिया को अवगत कराया है और कहा है कि नपाध्यक्ष व उनके सभासदों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध धारा 188 एवं अन्य धाराओ के दण्डात्मक कार्यवाही भी हो सकती है।
1. नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में पारित प्रस्ताव में यह कहा गया है कि 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत वर्ष 2019-19 हेतु अनुदान की प्रथम किश्त की धनराशि प्राप्त होनी है लेकिन जिलाधिकारी द्वारा उसकी प्रथम किश्त न दिये जाने के कारण धनराशि लैप्स होने की आशंका है । नगर पालिका द्वारा पारित उक्त प्रस्ताव सही नहीं है । नगर पालिका परिषद द्वारा 14वें वित्त अन्तर्गत कार्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है तथा नगर पालिका परिषद चुनार, अहरौरा एवं नगर पंचायत कछवां द्वारा राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 के प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया है जिसमें अधोहस्ताक्षरी द्वारा लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद एवं प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय तथा संबंधित उप जिलाधिकारी की गठित समिति द्वारा दिनांक 30.01.2019 को यह निर्णय लिया गया है कि नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायत द्वारा प्रस्तुत की गयी सूची में दर्शाये गये कार्यों के आगणन लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप बने होने का सत्यापन तथा प्रस्तावित कार्यों को उनकी पुनरावृत्ति न होने के दृष्टिगत स्थलीय निरीक्षण करा लिया जाय तथा सत्यापन आख्या प्राप्त होने पर पुनः समिति बैठक कर उक्त प्रस्तावों पर निर्णय समिति द्वारा लिया जायेगा ।
2. अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद की अध्यक्षता में दिनांक 07.02.2019 को अधोहस्ताक्षरी के विरूद्ध निन्दा प्रस्ताव लाया गया जिसमें उनके यह उल्लेख किया गया है कि नगर क्षेत्र में स्थित शुक्लहा तालाब/विसुन्दरपुर तालाब आदि के सौन्दर्यीकरण हेतु नगर पालिका परिषद मीरजापुर को शासन से प्राप्त रू0 59.93 लाख की धनराशि अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद के खाते में अन्तरित नहीं की गयी है जिसके सम्बन्ध में अवगत कराना है कि दिनांक 25.01.2019 को ही विसुन्दरपुर तालाब हेतु रू0 59.43 लाख तथा सुरेकापुरम(कजरहवा) आदि तालाबों हेतु रू0 53.73 लाख कुल रू0 113.16 लाख की धनराशि नगर पालिका परिषद मीरजापुर के खाते में 15 दिन पूर्व ही अन्तरित कर दी गयी है ।
3. अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजपुर द्वारा नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में यह उल्लेख किया गया है कि अचल सम्पत्ति के अन्तरण विलेखों पर संग्रहीत 02 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की धनराशि रू0 62.02 लाख अधोहस्ताक्षरी द्वारा नगर पालिका के खाते में अन्तरित नहीं की गयी है । उक्त के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में पारित उक्त प्रस्ताव सरासर गलत एवं असत्य है । अधोहस्ताक्षरी द्वारा दिनांक 25.01.2019 को ही अचल सम्पत्ति के अन्तरण विलेखों पर संग्रहीत 02 प्रतिशत अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की धनराशि रू0 62.02 लाख नगर पालिका परिषद के खाते में अन्तरित की जा चुकी है ं।
4. नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में विगत शारदीय नवरात्र मेला के सन्दर्भ में शासन से रू0 60.00 लाख की धनराशि में से मात्र रू0 18 लाख जिलाधिकारी द्वारा देने की बात कही गयी जबकि मेला की सारी व्यवस्था पालिका कराती है । नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में पारित उक्त प्रस्ताव भी सरासर गलत है । शासनादेश संख्या-2434/9-1-2018-59मेला/2017 दिनांक 25 अक्टूबर 2018 द्वारा शारदीय/चैत्र नवरात्र मेला को उ0 प्र0 का प्रान्तीय मेला घोषित कर दिया गया है जिसके व्यवस्थापन हेतु रू0 रू0 60.00 लाख की धनराशि प्राप्त हुई थी जिसे जिलाधिकारी के निवर्तन पर रखा गया थी जिसे विन्ध्याचल-मीरजापुर विकास प्राधिकरण मीरजापुर, विन्ध्य विकास परिषद मीरजापुर, जिला पंचायत मीरजापुर, पुलिस विभाग एवं नगर पालिका परिषद मीरजापुर को अन्तरित की जा चुकी है जिसमें से दिनांक 25.01.2019 को रू0 18.86 लाख की धनराशि नगर पालिका परिषद मीरजापुर को भी उपलबध करायी जा चुकी है । अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजापुर का उपर्युक्त कथन एवं पारित प्रस्ताव सरासर गलत है की मेले की समस्त व्यवस्था नगर पालिका कराती है अपितु मेले की व्यवस्था विन्ध्याचल-मीरजापुर विकास प्राधिकरण मीरजापुर, विन्ध्य विकास परिषद मीरजापुर, जिला पंचायत मीरजापुर, पंचायत विभाग मीरजापुर, सूचना विभाग मीरजापुर, लोक निर्माण विभाग मीरजापुर, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग मीरजापुर, उ0 प्र0 जल निगम विभाग मीरजापुर, अग्निशमन विभाग मीरजापुर, पुलिस विभाग मीरजापुर के साथ नगर पालिका परिषद मीरजापुर करती है जिसमें नगर पालिका परिषद मीरजापुर एक मात्र विभाग है न कि सम्पूर्ण व्यवस्था नगर पालिका परिषद मीरजापुर द्वारा की जाती है ।
5. नगर पालिका बोर्ड की बैठक दिनांक 07.02.2019 में पारित प्रस्ताव में यह कहा गया है कि कन्तित शमशान घाट, बावनबीर घमशान घाट व ओलियर शमशान घाट के सौन्दर्यीकरण हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 में शासनादेश दिनांक 02.01.2019 के द्वारा रू0 127.86 लाख की धनराशि नगर पालिका को प्रदान की गयी है किन्तु जिलाधिकारी द्वारा जानबूझकर पालिका के खाते में अन्तरित नहीं की जा रही है । अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजापुर द्वारा उक्त प्रस्ताव भी पारित कराया गया सरासर गलत है जबकि उक्त धनराशि रू0 127.86 लाख नगर पालिका परिषद मीरजापुर के खाते में दिनांक 25.01.2019 को अन्तरित की जा चुकी है ।
चूंकि जिलाधिकारी शासन का प्रतिनिधि होता है और शासन द्वारा नगर पालिका के खाते में सीधे हस्तान्तरण न करके जिलाधिकारी के खाते में जिलाधिकारी द्वारा नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की लोक निर्माण विभाग के शेड्यू रेट के अनुसार है अथवा नहीं का सत्यापन कर हस्तान्तरित करे ताकि सरकारी धन का दुरूपयोग न हो और सुचिता सुनिश्चित की जा सके । इस प्रकार अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद की अध्यक्षता में दिनांक 07.02.2019 को नगर पालिका बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव सरासर गलत और असत्य पर आधारित है । अधोहस्ताक्षरी के विरूद्ध अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजापुर अधोहस्ताक्षरी के विरूद्ध वैमनस्यता का भाव रखने और आमजन एवं जनप्रतिनिधियों के बीच अधोहस्ताक्षरी की छवि धूमिल करने तथा सरकारी कार्यों में अवरोध उत्पन्न करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है जो किसी भी दशा में उचित नहीं है ।
उक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराना है कि मनोज जायसवाल, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजापुर व सुधीर जायसवाल जो उनके सगे भाई हैं द्वारा स्व0 भैरो प्रसाद जायसवाल ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा करके अपना कार्यालय चला रहे हैं जिसमें श्री अरविन्द कुमार सिंह एच0जे0एस0 महाप्रशासक और शासकीय न्यासी उ0 प्र0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अपने पत्र दिनांक 16.05.2018, 12.06.2018, 31.07.2018, 12.09.2018 तथा 19.11.2019 को मृतक भैरो प्रसाद की सम्पत्ति/मकान संख्या 537 स्थित बुढिया माता की गली गनेशगंज मिर्जापुर पर अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद मीरजापुर व श्री सुधीर जायसवाल द्वारा किये गये अवैध कब्जा को हटवाने हेतु अधोहस्ताक्षरी को लिखे गये उपर्युक्त कुल 05 पत्र के अनुक्रम में मनोज जायसवाल व सुधीर जायसवाल को उक्त ट्रस्ट की जमीन व मकान पर से अवैध कब्जा हटाने हेतु नगर मकजस्ट्र मीरजापुर द्वारा नोटिस दिनांक 28.05.2018, 04.08.2018 एवं अधोहस्ताक्षरी द्वारा नोटिस दिनांक 10.12.2018 जारी किया गया । लेकिन मनोज जायसवाल एवं उनके सगे भाई सुधीर जायसवाल द्वारा अपना अवैध कब्जा न हटाते हुए अधोहस्ताक्षरी द्वारा निर्गत उक्त नोटिस दिनांक 10.12.2018 के विरूद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष रिट याचिका संख्या-43166/ 2018 मनोज जायसवाल एवं अन्य बनाम उ0 प्र0 सरकार एवं अन्य दायर किया गया, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 04.01.2019 द्वारा याचीगण की याचिका खारिज करते हुए यह अवधारित किया गया कि याचीगण का प्रश्नगत ट्रस्ट सम्पत्ति में कोई अधिकार नहीं बनता है जिसके कारण, याचीगण को उसे अपने कार्यालय के रूप में कनवर्ट करने का कोई अधिकार नहीं है । फलस्वरूप उक्त रिट याचिका को मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश 04.01.2019 द्वारा खारिज कर दिया गया है । उक्त से स्पष्ट है कि मनोज जायसवाल अध्यक्ष नगर पालिका परिषद मीरजापुर व उनके सगे भाई सुधीर जायसवाल उक्त ट्रस्ट की सम्पत्ति पर अवैध रूप से कार्यालय बनाकर प्रयोग किया जा रहा है ।
डीएम ने बताया है कि सुरेन्द्र विक्रम सिंह आई0ए0एस0 विशेष सचिव सिंचाई एवं नोडल अधिकारी जनपद मीरजापुर द्वारा दिनांक 18.01.2019 को नगर पालिका परिषद मीरजापुर के निरीक्षण के समय कैश एवं लेजर बुक व अन्य महत्वपूर्ण अभिलेख नहीं दिखा पाये जिसमें लगभग 26 करोड़ की धनराशि के गबन/दुरूपयोग की आशंका व्यक्त की गयी तथा उनके द्वारा मुख्य कोषाधिकारी मीरजापुर की अध्यक्षता में प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय, कोषाधिकारी, अधिशासी अघिकारी नगर पालिका परिषद मीरजापुर एवं दो लेखाधिकारियों की टीम गठित कर अधोहस्ताक्षरी से जांच के आदेश दिये गये हैं जिसके अनुक्रम में मुख्य कोषाधिकारी मीरजापुर की टीम द्वारा जांच की जा रही है तथा जांच आख्या प्राप्त होने पर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी ।
नोडल अधिकारी के निरीक्षण के बाद बडे़ पैमाने पर नगर पालिका परिषद मीरजापुर में अभिलेखों को जलाया गया था जिसका विभिन्न समाचारपत्रों एवं इलेक्ट्रनिक मीडिया में प्रकाशन हुआ था । किसी भी कार्यालय में 02 प्रकार के अभिलेख होते हैं । एक स्थायी जो नष्ट नहीं किये जाते हैं तथा दूसरे वे जो अस्थायी होते हैं और निश्चित अवधि के बाद उनकी सूची तैयार कर सक्षम अधिकारी के अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त उन्हें विनष्ट किये जाने की कार्यवाही की जाती है किन्तु सक्षम प्राधिकारी के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव/सूची प्रस्तुत नहीं की गयी जिससे यह ज्ञात हो सके कि कौनसा अभिलेख नष्ट किया जाना है । इस प्रकार बिना सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त किये ही बड़े पैमाने पर अभिलेखों को जलाकर नष्ट कर दिया गया जबकि अभिलेखों का जला कर नष्ट किये जाने का कोई प्राविधान नहीं है ।
यह भी अवगत कराया है कि जनपद में संचालित माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाएं एवं आगामी त्योहारों के दृष्टिगत पूरे जनपद में धारा 144 लागू है । ऐसी स्थिति में किसी भी संघ/प्राधिकारी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के धरना-प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है । मो0 जावेद व गुलजार आदि द्वारा दिनांक 07.02.2019 को नगर मजिस्ट्रेट मीरजापुर को दिनांक 11.02.2019 को धरना प्रदर्शन हेतु अनुमति मांगी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में नगर मजिस्ट्रेट द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में विभिन्न कार्यालय/न्यायालयों के अवस्थित होने तथा सरकारी कार्य प्रभावित होने के दृष्टिगत अनुमति संबंधी प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया है । जिसकी सूचना उन्हें दिनांक 09.02.2019 को ही दे दी गयी है । उक्त परिप्रेक्ष्य मेंं यदि अध्यक्ष नगर पालिका परिषद मीरजापुर व उनके सभासदों आदि द्वारा धरना-प्रदर्शन कियाजाता है तो संबंधित के विरूद्ध सीआरपीसी की धारा 188 एवं अन्य सक्षम धाराओं के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है ।