हलिया (मिर्जापुर)।
पौने चार करोड़ रुपए के क्षेत्र पंचायत में मनरेगा घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा अभी पूरी नहीं हुई है कि एक बार फिर से हलिया विकास खंड में मनरेगा योजना में भारी अनियमितता घोटाले की परत खुल रही है । मनरेगा योजना में कार्यों के भुगतान के लिए लगाए गए एक बड़े द्वारा विकास खंड के लगभग 60 ग्राम पंचायतों का भुगतान किया जा रहा है।
जिसे संज्ञानता लेते हुए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा विकास खंड में कार्यरत फर्मों की स्थलीय जांच कराई जा रही है कि फर्म मौके पर है कि नहीं ।जिस संबंध में नायब तहसीलदार मधु जैन ने सोमवार दोपहर में विकास खंड के चार फर्मों का औचक निरीक्षण किया जहां हथेड़ा गांव स्थित नये थाने से सौ मीटर दूर स्थित एक बिल्डिंग मटेरियल के कार्य स्थल पर पहुंचकर निर्माण सामग्री का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इंटर लाकिंग ईंट प्लांट से करीब दो सौ नई नोट फार रिटेल मध्यप्रदेश निर्मित सीमेंट की खाली बोरी देखकर भौंचक रह गई और मौके पर फर्म मालिक से पूछताछ की तो उन्होंने उसे अपने सहयोगी का बताया।इस स्पष्ट होता है कि इस फर्म द्वारा सरकारी सीमेंट का उपयोग कर सामग्री की आपूर्ति ग्राम पंचायत में किया जा रहा है ।
इससे स्पष्ट होता है कि मनरेगा में भारी अनियमितता बरती जा रही है नायब तहसीलदार द्वारा फर्म के स्टोर का जांच नहीं किया गया है अगर जांच किया जायेगा तो भारी मात्रा में सीमेंट बरामद हो सकता है इसके बाद नायब तहसीलदार ने हलिया स्थित हरिओम इंटरप्राइजेज,अभय कंस्ट्रक्शन कंपनी, कंचन मटेरियल सप्लायर का निरीक्षण किया और फर्म पर रखे निर्माण सामग्री आदि की जांच की।
इस संबंध में नायब तहसीलदार मधु जैन ने बताया कि शिकायत पर चार फर्मों का औचक निरीक्षण किया गया हथेड़ा स्थित एक फर्म पर दो सौ नई सीमेंट की खाली बोरी पाई गई जिसपर बिक्री के लिए नही (नाट फार रिटेलर सेल)लिखा हुआ पाया गया है।फर्म पर खाली मिली नई सीमेंट की बोरी मामले की जांच की जाएगी। विकास खंड में अभी मनरेगा घोटाले की जांच पूरी नही हो सकी है कि फिर से फर्मों की शिकायतें मिलनी शुरू हो गई है। क्षेत्र में नायब तहसीलदार के औचक निरीक्षण से फर्म मालिकों को हड़कंप मचा हुआ था।