मिर्जापुर।
प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, प्रयागराज के द्वारा अवगत कराया गया है कि उत्तर प्रदेश शासन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग द्वारा वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1927 की धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन जनपद मीरजापुर तहसील सदर अन्तर्गत स्थित ग्राम मिश्रपुर, नगवासी, बसेवरा कलां, खैरा, गोगांव, बेहरा, देवारी मुगौरा, कासी सरपाती, भौरूपुर सतलपत्ती, बसेवरा खुर्द, बजता, अर्जीखेरा, चकचेहरा एवं चककौन की सीमायें जो गंगा नदी की सीमा से मिलती है, में कछुआ वन्य जीव विहार के अन्तर्गत गंगा नदी के दोनो तटों से आबद्ध 30 कि0मी0 लम्बाई क्षेत्र में व इसकी सीमा से बाहर कम से 10 कि0मी0 की परिधि को (ईको सेन्सिटिव जोन) में बालू खनन हेतु कोई नवीन खनन पट्टा स्वीकृत न किये जाने तथा पूर्व में स्वीकृत बालू खनन पट्टों को तत्काल निरस्त किये जाने की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के द्वारा प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, प्रयागराज के निर्देश के क्रम में तथा सर्वोच्च न्यायालय के उक्त आदेश व सन्दर्भित शासनादेश के अनुपालन में जनपद-मीरजापुर की तहसील सदर अन्तर्गत स्थित ग्राम मिश्रपुर, नगवासी, बसेवरा कलां, खैरा, गोगांव, बेहरा, देवारी मुगौरा, कासी सरपाती, भौरूपुर सतलपत्ती, बसेवरा खुर्द, बजता, अर्जीखेरा, चकचेहरा एवं चककौन की सीमायें जो गंगा नदी की सीमा से मिलती है, में कछुआ वन्य जीव विहार के अन्तर्गत गंगा नदी के दोनो तटों से आबद्ध 30 कि0मी0 लम्बाई क्षेत्र में व अक्षांश-25.273769 देशान्तर-82.287486 तथा अक्षांश-25.215000 देशान्तर-82.194814 एवं इसकी सीमा से बाहर कम से 10 कि0मी0 तक (ईको सेन्सिटिव जोन) में साधारण बालू का खनन/परिवहन प्रतिबन्धित करते हुए ऐसे खनन क्षेत्र जो वर्तमान में खनन परिहार हेतु विज्ञापित/स्वीकृत/संचालित है, को निरस्त कर दिया गया है। उक्त क्षेत्र में गंगा नदी में बालू के खनन/परिवहन पाये जाने पर वन्य जीव अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।