0 कहा- हाफ डे लीव, 30 ईएल सहित अन्य जरूरी सुविधाएं हो उपलब्ध
0 अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय ‘प्रतिकर अवकाश’ का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर हो उपलब्ध
0 ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार लगातार जारी रहेगा: राजनाथ तिवारी
0 प्रदेश के समस्त शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं परिचारक विधि विरूद्ध और जबरन थोपे जा रहे आनलाईन उपस्थिति के विरोध मे है एकजुट: सत्यव्रत सिंह चंदेल
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वाहन पर संगठन की स्थानीय जिला इकाई के तत्वावधान मे जिलाध्यक्ष राजनाथ तिवारी एवं जिला महामंत्री सत्यव्रत सिंह चंदेल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सम्बोधित ज्ञापन कलक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया। तत्पश्चात सभी शिक्षक बीएसए कार्यालय पहुचे और प्रदर्शन कर अपना विचार व्यक्त किया और बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी ग्यापन सौंपा। ज्ञापन में उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने की मांग की गई।
जिलाध्यक्ष राजनाथ तिवारी ने बताया कि कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० के आदेश के क्रम मे संचालित परिषदीय विद्यालयों में छात्र उपस्थिति पंजिका एवं एम०डी०एम० पंजिका दिनांक 25 जून 2024 से केवल डिजिटल रूप से ही व्यवहृत करने एवं निरीक्षण पंजिका को छोड़कर अन्य समस्त पंजिकाएं दिनांक 15 जुलाई 2024 से डिजटल रूप में अद्यतन किए जाने का आदेश मे समस्त पंजिकाओ को 8 जुलाई 2024 से डिजटल रूप में अद्यतन किए जाने का आदेश निर्गत किया गया।
इस सम्बन्ध में संगठन के प्रांतीय नेतृत्व ने ज्ञापन देकर डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही उक्त व्यवस्था को लागू किये जाने की मांग की थी, किन्तु उक्त मांग पत्र पर कोई विचार नहीं किया गया। ऐसे मे संगठन द्वारा पुनः डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इस व्यवस्था को लागू किये जाने की मांग की गयी और 12 मार्च तक ज्ञापन में अंकित समस्याओं का निराकरण न होने पर दिनांक 14 मार्च को कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र०में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गयी थी, परन्तु निर्धारित तिथि तक समस्याओं का निराकरण न होने के कारण संगठन द्वारा दिनांक 14 मार्च 2024 को कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ० प्र० के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया था।
धरने के दौरान शाम को महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया था। वार्ता में प्रतिनिधिमंडल को ये आश्वासन दिया गया था कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा, किन्तु उक्त मांग पत्र में अंकित प्रथम माँगो विभाग द्वारा प्रदत्त टैबलेट्स के सुचारू संचालन हेतु विभागीय सिम कार्ड (सीयूजी नम्बर) एवं डाटा पैक की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।“ के अतरिक्त अन्य माँगों पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया, अपितु विभागीय अधिकारियों द्वारा डिजिटाइजेशन व्यवस्था को जबरन लागू करने का दबाव बनाया जा रहा है। जिससे यह परिलक्षित होता है कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करना चाहते हैं, जिसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश घोर विरोध करता है।
संगठन अपने विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उ०प्र० के आदेश को 8 जुलाई 2024 से पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति (फेस रिकग्निशन) लागू किए जाने से पूर्व उक्त डिजिटाइजेशन व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का समाधान किये जाने की मांग की है, जिसमे
अन्य विभागों की भांति आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षा के शिक्षकों को भी ‘हाफ डे लीव अवकाश’ का विकल्प प्रदान किये जाने, जिससे आकस्मिता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें, बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईo एलo प्रदान किये जाने, यदि ईo एलo प्रदान करने में कोई विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (P.L.) प्रदान किये जाने, अन्य विभागों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय ‘प्रतिकर अवकाश’ का विकल्प मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदान किये जाने, प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता तथा जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता प्रदान करने विकल्प प्रदान किये जाने, पंजिकाओ का डिजिटाइजेशन सर्वर की उपलब्धता के अधीन है, एक ही समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जाने,
डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्णं, असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा। अतः बेसिक शिक्षा में वर्तमान उपस्थिति की व्यवस्था ही लागू रहने दिया जाए।
जिलाध्यक्ष राजनाथ तिवारी ने कहाकि यदि उपरोक्त मांगे नही मानी गई, तो ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार लगातार जारी रहेगा और संगठन आरपार की लडाई लडेगा।
जिला महामंत्री सत्यव्रत सिंह चंदेल ने कहाकि जनपद ही नही प्रदेश के समस्त शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं परिचारक इस विधि विरूद्ध और जबरन थोपे जा रहे आनलाईन उपस्थिति के विरोध मे एकजुट है और अंतत: डीजी को या तो इस आदेश को वापस लेना होगा या संगठन द्वारा रखी गयी मागो को पूरा करना होगा।
इस अवसर पर शिवाकांत दीक्षित, नरेंद्र बहादुर सिंह, मनोज शुक्ला, वीरभानु सिंह, अनिल त्रिपाठी, अनिल प्रकाश द्विवेदी, सुधांशु उपाध्याय, सुनील सिंह, विमलेश अग्रहरि, राकेश मौर्या, राघवेंद्र कुंवर शुक्ल, सत्य प्रकाश दुबे, एकलाख अहमद, त्रिलोकी सिंह, अजय कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, राकेश सिंह, आलोक सिंह, प्रशान्त गुप्ता, फिरदौस असलम, सुरेन्द्र कुमार राय, बुझारत कुमार, अभिषेक उपाध्याय, प्रमोद गुप्ता, विवेक पांडे, वरुण प्रकाश शुक्ला, महेश दूबे, मनोज मिश्रा, मनोज कुमार सिंह, विनय तिवारी, जितेंद्र कुमार सिंह, अंजनी कुमार सिंह, ललित कुमार मौर्य, प्रदीप कुमार तिवारी, गणेश ओझा, राजदेव सिंह, सुरजीत सिंह, विन्ध्यवासिनी गुप्ता, संतोष कुमार तिवारी, राजन शुक्ल, शिवशंकर गुप्त, संजय कुमार सिंह, नीलकान्त पाण्डेय, सुशील यादव, विनय तिवारी, विनोद कुमार मिश्र, विवेक पांडे, महेश दूबे, दिनेश श्रीवास्तव, मनोज सिंह, संजय यादव, विनोद मिश्र, सर्वेश त्रिपाठी, भरत लाल, आलोक सिंह, सुर्यकेश आनंद, उदय कुमार, अविनाश चौधरी, धीरेन्द्र सिंह, त्रिभुवन सिंह, मन्नू प्रसाद, आदिशंकर दूबे, रामदेव यादव, असीम चंद्र, रतनेश मौर्या, आलोक दूबे, महेश दूबे, वीरेन्द्र सोनकर सहित भारी संख्या मे शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक मौजूद रहे।