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राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के संघर्ष का परिणाम; देश के लाखों एनपीएस कार्मिकों की मांग पुरानी पेंशन बहाली पर प्रधानमंत्री मोदी से होगी वार्ता

मिर्जापुर।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि देश के 35 कार्मिक संगठनों की एकजुटता का परिणाम है कि  स्टाफ साइड के सचिव कामरेड शिव गोपाल मिश्रा को वार्ता के लिए आमंत्रित किया, जिससे देश के एक करोड़ से भी अधिक एनपीएस कार्मिकों में उत्साह है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि 2024 के लोक सभा चुनाव परिणाम को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार करने के लिए कामरेड शिव गोपाल मिश्रा को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है, जिससे देश के कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी डाक्टर नर्सिंग अधिकारी, बैंक कर्मी, इंजीनियर, पुलिस कर्मी, रेलवे कर्मी, सफाई कर्मी, लेखपाल, पटवारी सभी एनपीएस कार्मिकों को उम्मीद है कि पुरानी पेंशन बहाली का ऐतिहासिक निर्णय लेने का ऐलान जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेगे।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि देश के 35 कार्मिक संगठनों की एकजुटता और निरंतर संघर्ष का परिणाम है कि आज पुरानी पेंशन बहाली मुद्दा देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। आज पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन जन आंदोलन का रूप ले चुका है।

बी पी सिंह रावत ने उम्मीद जताई है कि स्टाफ साइड के सचिव कामरेड शिव गोपाल के साथ सकारात्मक वार्ता होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के एक करोड़ से अधिक एनपीएस कार्मिकों के हित में जल्द पुरानी  पेंशन बहाली का निर्णय लेंगे।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के द्धारा देश भर में पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए अनेकों आंदोलन किए गए सड़क से लेकर सदन तक पुरानी पेंशन बहाली मांग को पहुंचाने का प्रयास किया गया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए न्याय यात्रा निकाली गई। विधान सभा मार्च मुख्यमंत्री आवास घेराव जंतर मंतर से संसद मार्च रामलीला मैदान नई दिल्ली में ऐतिहासिक रैली निकाली गयी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने जोर देकर कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली से कम हमे कुछ भी मंजूर नही है। पुरानी पेंशन बहाली पर सकारात्मक निर्णय नही हुआ तो देश भर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन और तेज होगा और हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधान सभा चुनाव में वोट फॉर ओ पी एस का निर्णय लेकर करारा जवाब दिया जायेगा।

 

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