0 चारा व पेयजल की व्यवस्था में धन की कमी नहीं, ई0ओ0 व वीडी0ओ0 के मांग पर दी जायेगी धनराशि
विन्ध्य न्यूज ब्यूरो, मिर्जापुर।
जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि नगर पालिकाओं/नगर पंचायत तथा ग्रामीण अंचलों में विकास खण्डों में बनाये गये निराश्रित गांवंश आश्रय स्थलों में पशु चिकित्सकों के द्वारा नियमित जांच कर इलाज किया जाये, उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने जानकारी देते हुये बताया कि जनपद में कुल 10 अस्थाई निराश्रित पशु आश्रय स्थल बनाये गये हैं जिनमें जनपद में निराश्रित ऐसे प्शु जो निराश्रित रूप् में घूम रहे थे उनकों राज्स सरकार के निर्देशानुसार अस्थाई निराश्रित गांवश प्शु आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गयी। अभी तक जनपद में नगर पालिका मीरजापुर में गैवी घाटर तथा कादी हाउस जुबली कालेज के सामने दो निराश्रित गांवंश प्शु आश्रय स्थल बनाये गये जिनमें कुल 251 प्शुओं को रखा गया है। निमें नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के मांग के अनुसार 30 रू0 प्रति पशुं की दर से 4,51800 रू0 दिये गयेंह ैं और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्री आर0के0 मिश्रा के द्वारा नियमित रू से दोनों पशु आश्रय स्थला में भ्रमण कर प्शुओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है तथ इलाज किया जा रहा है। इसी प्रकार नगर पलिका चुनार में भी दो पशु आश्रय स्थल बनाये गये हैं जिनमें 18 निराश्रित प्शु रखे गये है। उनके लिये चारे आदि की व्यव्स्था के लिये 32400 रू0 दिया गया है, नगर पांलिका कछंचा में बनाये गये प्शु आश्रय स्थल में 45 निराश्रित पशु रखे गये हैं जिनके भूसा आदि की व्यवस्था के लिये 81000/-रू0 तथा अहरौरा के ग्राम पंचायत बामी में बनाये गये प्शु आश्रय स्थल में 210 निराश्रित पशुओं के लिये 37800 रू0 दिया गया है। इसी प्रकार खण्ड विकास अधिकारी हलिया के द्वारा ग्राम पंचाय गलरा और अहुंगी कला में 310 निराश्रित प्शुओं को रखा गया जिनके खाने व पेयजल आदि के लिये 55800 रू0, सीखड में ग्राम पंचायत सीखड में 28 निराश्रित पषुओं के लिये 50400 रू0, जमालपुर में मिल्की में बनाये गये प्शु आश्रय स्िल में 26 पशुओं के लिये 46800रू0, राजगढ में गोल्हनपुर में बनाये गये निराश्रित प्शु आश्रय स्थल के 36000 रू0, दिया गया है। इस प्रकार से उपरोक्त नगर पालिकाओं/नगर पंचायतों व खण्ड विकास अधिकारियों के मांग पर अब तक कुल 16,34,400 रू0 निराश्रित प्शुओं के खाने व पेयजल व अन्य व्यवस्था के लिये दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि अभी जनपद स्तर पर 84 लाख रू0 उपलब्ध है, जिस किसी भी नगर पालिका/प्रर पंचायत के अधिशासी अधिकारी व सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी के द्वारा मांग की जाती है तो धन उपलब्ध कराया जायेगा। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि साथ ही साथ प्शुओं के देखभाल व इलाज के लिये पशु मुख्य चिकित्साधिकारी क ेद्वारा सभी पिराश्रित गांवश प्शु आश्रय स्थलों पर चिकित्सकों की तैनाती की गयी है जो प्रति दिन गांवंश स्थलों पर जाकर प्शुओं के स्वास्थ्य की जांच करते हैं तथा उनका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निराश्रित प्शु आश्रय स्थलों में आश्रित खाने व पीने की व्यवस्था व उनकी व उनके अन्य इलाज व अन्य व्यवस्था के लिये सम्बंधित नगर पालिकाओं/पंचायत व खण्ड विकास अधिकारियों के शासनादेश के अनुसार स्वयं उत्तरदायी होगें तथा इलाज के लिये प्शु मुख्य चिकित्साधिकारी उत्तरदायी होगें, जो चिकित्सकों के द्वारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक अस्थाई निराश्रित आश्रय स्थल नगर पालिका मीरजापुर का प्रश्न है मुख्य चिकित्साधिकारी पशु के द्वारा अवगत करया गया है कि नगर पालिका मीरजापुर में अस्थाई निराश्रित प्शु आश्रय स्िल विगत 27 जनवरी, 2019 से संचालित है उसके नगर पालिका क्षेत्र के सडकों पर घूमने वाले निराश्रित आवारा प्शुओं को रखा गया है, जिनमें प्शुपालक मालिकों के द्वारा अब तक 41,700 रू0 का अर्थदण्ड/तुर्माना भी वसूली गयी है जो नगर पालिका के पास जमा है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि नगर पलिका मीरजापुर के प्शु आश्रय स्थल में नौ सडक पर घूमने वाले प्शुओं रखा गया था जिनके पैस में पहले से ही गम्भीर चोट थी उनके पैर में खुर भी नहीं थे। जिन्हें नियमित रूप् से इलाज किया जा रहा है। पहले घायल पशुओं में से अब तक पॉंच प्शुओं की मुत्यु हुयी है, जिसे पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उक्त निराश्रित प्शु आश्रय स्थलों में 20 कुन्तल भूसा, 40 कुन्तल हरी गोभी की च चारा व चारा मशीन रखा गया हैं। यह भी बताया कि 51 स्टील व 70 लोहे की कुल 121 टव भी रखे गये हैं। गांशाला में एक वुक्ष है तथा लोक निर्माण विभाग के द्वारा हाल व कमरे को खाली करा कर रखा गया है जिसमें प्शुओं अपने इच्छानुसार रह रहे हैं। उन्होंने प्शुओं के चारे आदि के लिये धन की कमी नहीं है सम्बंधित ई0ओ0 व खण्ड विकास अधिकारी के द्वारा प्शु की संख्या के आधार पर जब भी मांग की जायेगी तत्काल उपलब्ध करा दिया जायेगा।