मीरजापुर।
भानु चन्द्र गोस्वामी, चकबन्दी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार के क्रम में जनपद के ग्राम पिपराड़ाड़, परगना कंतित, तहसील सदर में ग्राम चैपाल पूर्व सूचना एवं व्यापक प्रचार-प्रसार के उपरान्त जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। जिसमें अपर जिलाधिकारी (भू0/रा0)/उप संचालक चकवन्दी सत्य प्रकाश सिंह व बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी नरेन्द्र सिंह व चकबन्दी अधिकारी, अतुल प्रकाश यादव व सहायक चकबन्दी अधिकारी सुवोध कुमार सिंह, चकबन्दीकर्ता व चकबन्दी लेखपाल आदि अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
ग्रामीणों व काश्तकारों ने चैपाल में अपनी समस्याओं को सक्षम अधिकारीगण के सामने रखा। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि ग्राम के सम्बन्धित वादों का सुनवाई व यथासम्भव समझौता के आधार पर त्वरित गति से अविलम्ब निस्तारण किया जाय, जिससे कि आगामी सीमांकन व कब्जा परिवर्तन की अवधि तक वाद अवशेष न रह जाय तथा सीमांकन की कार्यवाही निर्विघ्न रूप से पूर्ण करायी जा सके।
ग्राम चैपाल के दौरान विजय कुमार सोनकर पुत्र मानिकचन्द सोनकर ने प्रार्थना पत्र देकर मांग किया कि गाटा संख्या 308 रकबा 2 बीघा 12 विस्वा जो बन्दोबस्त 1289 फसली वर्ष में तालाब अंकित था, उसको पुनः तालाब घोषित किया जाय। उक्त के बावत परिवादी को बताया गया कि सुसंगत साक्ष्यों सहित सक्षम न्यायालय चकबन्दी अधिकारी, रामबाग में वाद योजित करें। इसी तरह सन्तरा देवी पत्नी त्रिवेणी निवासी पिपराड़ाड़ के द्वारा बताया गया कि जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा-5(सी) के अन्तर्गत घर बनाने की अनुमति के बावजूद कुछ लोगों द्वारा व्यवधान डाला जा रहा है।
सभी पक्षों को बुलाकर मौके पर सीमांकन हेतु सुलह कराकर मामले का निस्तारण कराया गया। इसी क्रम में विभिन्न न्यायालयों में दाखिल वादों को मौके पर मौजूद पीठासीन अधिकारियों ने सुलह समझौते के आधार पर पक्षों से बात करके समस्या को हल करने का प्रयास किया गया। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार गाटा संख्या 1155 में स्थित कब्रिस्तान एवं स्कूल का विवाद हल कराया गया, जिससे वर्षों पुराना विवाद का अन्त हुआ। ग्राम चैपाल में जनता की सहभागिता सराहनीय रही। ग्राम चैपाल के दौरान अपर जिलाधिकारी (भू0/रा0)/उप संचालक चकबन्दी सत्य प्रकाश सिंह द्वारा यह भी बताया गया कि यह प्रक्रिया चकबन्दी ग्रामों में अनवरत रूप से चलती रहेगी।